मैक्वेरी की सड़क संपत्तियों को नहीं खरीदने के अलावा अदाणी समूह (Adani Group) अब अन्य कंपनियों के अधिग्रहण से भी पीछे हट गया है।
बैंकरों ने बताया कि समूह अब बिजली संयंत्र, एक खुदरा कंपनी, ऊर्जा व्यापार और सड़क परियोजनाओं का अधिग्रहण नहीं करने की योजना बनाई है। समूह अब नई संपत्तियों के अधिग्रहण के बजाय नकदी बचाने और ऋणों की समय पूर्व अदायगी पर ध्यान दे रहा है।
एक निवेश बैंकर ने कहा, ‘इस साल की शुरुआत कर बैंकर अदाणी समूह के साथ बिक्री के लिए हर संपत्ति पेश करेंगे। लेकिन, समूह अब संपत्तियों की अधिग्रहण के बजाय व्यापार का विस्तार करना चाहता है इसलिए उसने नए अधिग्रहण पर सुस्ती कायम कर दी है।’
इस साल जनवरी से समूह छत्तीसगढ़ की दबाव वाले कोयला संयंत्र एसकेएस पावर के अधिग्रहण की दौर से बाहर हो गया था। इसी साल फरवरी में, समूह ने 7,000 करोड़ के उद्यम मूल्यांकन पर डीबी पावर की थर्मल पावर एसेट्स हासिल करने की योजना को भी रद्द कर दिया।
उसी महीने समूह ने पीटीसी इंडिया के साथ भी चल रही पेशकश से हाथ खींच लिए थे। इसके बाद, समूह ने फ्यूचर रिटेल के साथ भी कोई पेशकश नहीं की। समूह ने संयुक्त उद्यम कंपनी के माध्यम से फ्यूचर रिटले की संपत्ति खरीदने के लिए अपनी रुचि पत्र प्रस्तुत कर दिया था।
गुरुवार को अदाणी एंटरप्राइजेज ने घोषणा की कि वह 3,1000 करोड़ रुपये के मूल्यांकन पर मैक्वेरी समूह की दो सड़क कंपनियों का अधिग्रहण नहीं करेगा।
बैंकरों का कहना है अधिग्रहण की दौर से अदामी समूह के बाहर हो जाने से विदेशी निजी इक्विटी कंपनियों को अवसर मिलेगा, जो पहले से भी भारतीय बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को खरीदने के इच्छुक हैं।
अमेरिकी निजी इक्विटी की प्रमुख कंपनियां ब्लैकस्टोन और केकेआर के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि वे भारतीय बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश करने के इच्छुक हैं जो बढ़िया रिटर्न देती हैं।
आने वाले महीनों में समूह अदाणी एंटरप्राइजेज, अदाणी ट्रांसमिशन और अदाणी ग्रीन एनर्जी के शेयर बेचकर 29,000 करोड़ रुपये जुटाने पर ध्यान केंद्रित करेगा ताकि समूह अपने बकाये ऋण का समय पूर्व भुगतान कर सके और अपने कारोबार का विस्तार कर सके। समहू अपनी वित्तीय सेवा कंपनी अदाणी कैपिटल को भी सूचीबद्ध करने पर विचार कर सकता है।
इस साल 24 जनवरी को शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अदाणी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आ गई थी। फरवरी के अंत के बाद से अब तक समूह के शेयरों में करीब 59 फीसदी सुधार आया है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित समिति ने समूह में कोई नियामकीय खामी नहीं पाई, जिससे समूह के शेयरों में अच्छी तेजी देखने को मिली है।
पिछले वित्त वर्ष में समूह की अदाणी पोर्ट्स और एसईजेड ने छह अधिग्रहण पूरे किए। इन दोनों कंपनियों ने करीब 18,000 करोड़ रुपये का निवेश के साथ इजरायल की हैफा पोर्ट कंपनी, गंगावरम पोर्ट, कराईकल पोर्ट, आईओटीएल, ओशन स्पार्कल और आईसीडी टंब का अधिग्रहण किया। चालू वित्त वर्ष में कारोबार के संचालन को मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा।