अदाणी ग्रुप (Adani Group) के मालिकाना हक वाली अंबुजा सीमेंट्स (Ambuja Cements) ने मध्यम अवधि में ग्रुप की सभी सीमेंट कंपनियों को आपस में मिलाकर एक कंपनी बनाने की योजना बनाई है। 19 जून को अहमदाबाद में ग्रुप की कंपनियों की निवेशकों की बैठक के बाद ब्रोकरेज फर्म जेफरीज (Jefferies) ने पिछले सप्ताह प्रकाशित अपने नोट में यह जानकारी दी।
नोट में कहा गया है, “कंपनी की योजना मध्यम अवधि में सभी सीमेंट कंपनियों का मर्जर करके एक प्रमुख सीमेंट कंपनी का निर्माण करना है। विलय की लागत कोई बाधा नहीं है, लेकिन कंपनी अल्पसंख्यक और अन्य हितधारकों के हित में सर्वोत्तम संरचना की पहचान करने पर काम कर रही है।”
अदाणी ग्रुप ने सितंबर 2022 में एसीसी (ACC) और अंबुजा सीमेंट का अधिग्रहण 6.4 अरब डॉलर में किया था। इस अधिग्रहण ने ग्रुप को अल्ट्राटेक (UltraTech) के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी बना दिया।
Also Read: अदाणी एंटरप्राइजेज की AGM में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और हिंडनबर्ग विवाद पर हुई चर्चा
एसीसी लिमिटेड और सांघी इंडस्ट्रीज (Sanghi Industries) दो सीमेंट सहायक कंपनियां हैं, जिनमें अन्य अल्पसंख्यक शेयरधारकों के साथ अंबुजा सीमेंट्स की हिस्सेदारी है। दोनों ही कंपनियां शेयर बाजार में लिस्टेड है।
Also read: Apple और Meta कर रही चर्चा, नए iPhones में जेनरेटिव एआई सिस्टम के इंटीग्रेशन की संभवना
शनिवार को अदाणी सीमेंट को भेजी गई एक ईमेल क्वेरी में जेफरीज रिपोर्ट पर टिप्पणी और यह स्पष्टीकरण देने का अनुरोध किया गया था कि क्या समेकन में एसीसी शामिल होगी, खबर लिखे जाने तक कंपनी की तरफ से इस पर कोई जवाब नहीं आया।
सांघी इंडस्ट्रीज में अंबुजा सीमेंट्स की 60.44 प्रतिशत हिस्सेदारी है, यह संपत्ति उसने पिछले वित्तीय वर्ष में अपने पूर्व प्रमोटरों से हासिल की थी। अंबुजा के पास एसीसी में 50.05 प्रतिशत हिस्सेदारी भी है, जो 2013 में पूर्व प्रमोटरों – होलसिम ग्रुप द्वारा किए गए पुनर्गठन के बाद से उसके पास है। शेयरहोल्डिंग के ये आंकड़े इस साल मार्च तक के हैं।
पिछले साल अगस्त में बिजनेस स्टैंडर्ड को दिए एक इंटरव्यू में, कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय कपूर ने कहा था कि “फिलहाल एसीसी और अंबुजा के विलय की कोई योजना नहीं है।”
यह पहली बार नहीं है जब अंबुजा सीमेंट्स के लिए सीमेंट परिसंपत्तियों के विलय पर विचार किया गया है। एसीसी और अंबुजा सीमेंट्स के विलय के पुराने प्रयास विभिन्न कारणों से विफल रहे हैं।