अदाणी एंटरप्राइजेज की सालाना आम बैठक (AGM) में, चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा कि कंपनी भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के विकास के मौकों का फायदा उठाने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने ये भी बताया कि इस इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च का ज्यादातर फंड और काम राज्य सरकारों के द्वारा किया जाएगा।
वैसे तो हमारी कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर की कंपनी है, इसलिए आने वाले मौकों का फायदा उठाने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं। यह बात कंपनी के चेयरमैन गौतम अदाणी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 32वीं सालाना बैठक में शेयरहोल्डर्स को संबोधित करते हुए कही।
बाद में कंपनी के एक बड़े अफसर ने शेयरहोल्डर्स को बताया कि इस साल से अदाणी ग्रुप की सभी लिस्टेड कंपनियों की सालाना बैठकें (AGM) जून के एक ही हफ्ते में कर ली जाएंगी। उन्होंने ये भी बताया कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि ग्रुप की AGM सीजन की शुरुआत चेयरमैन के जन्मदिन के साथ हो। बता दें कि गौतम अदाणी 24 जून को 62 साल के हो गए।
अदाणी ने ये भी बताया कि भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर पर कुल खर्च 2.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च में राज्यों की भूमिका पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा, ‘और भी ज़्यादा महत्वपूर्ण बात ये है कि, भले ही राष्ट्रीय चर्चा इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च की रूपरेखा तैयार करती है, लेकिन फंडिंग और काम का बड़ा हिस्सा राज्य स्तर पर होता है।’ उन्होंने आगे कहा कि उनकी कंपनी का काम भारत के 24 राज्यों में फैला हुआ है, और ‘हम अपनी आंखों से देखते हैं कि राज्य सरकारें इन योजनाओं को लागू करने में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।’
शेयरहोल्डर्स को संबोधित करते हुए अडानी ने हिंडनबर्ग मामले का फिर से जिक्र किया। उन्होंने कहा, “हमें एक विदेशी शॉर्ट सेलर द्वारा लगाए गए निराधार आरोपों का सामना करना पड़ा, जिसने हमारे दशकों की मेहनत पर सवाल उठाया।” उन्होंने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को “दोतरफा हमला … हमारे FPO के बंद होने के दो दिन पहले किया गया एक सुनियोजित हमला” बताया।
जनवरी 2023 में, अमेरिका की हिंडनबर्ग रिसर्च नाम की कंपनी ने अदाणी ग्रुप की कंपनियों में आर्थिक गड़बड़ियों के बारे में कई आरोप लगाए थे। ये रिपोर्ट अदाणी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) के ठीक बाद आई थी। हालांकि कंपनी ने तयशुदा रकम जुटा ली थी, लेकिन उसने एफपीओ बंद करने और पैसा वापस करने का फैसला किया। अदाणी ग्रुप ने इन आरोपों को गलत बताया है।
शेयरधारकों के सवालों में से एक ये भी था कि दुनिया में अभी चल रहे राजनीतिक तनाव का भारत- मध्य पूर्व- यूरोप कॉरिडोर प्रोजेक्ट से जुड़े इंफ्रा के मौकों पर क्या असर पड़ेगा। इस पर ग्रुप के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) जुगेशिंदर सिंह ने कहा, “हमें नहीं लगता कि छोटी अवधि की परेशानियों का व्यापार रूट के डेवलपमेंट के लॉन्ग टर्म नजरिए पर कोई बड़ा असर होगा।”
प्रमुख परियोजनाओं पर जानकारी देते हुए सिंह ने बताया, “हम करीब 100 किलोवोल्ट के साथ साइट पर इलेक्ट्रोलाइजर्स का टेस्टिंग करने की प्रक्रिया में हैं।” उन्होंने आगे कहा, “हम अगले कुछ वर्षों में ग्रीन हाइड्रोजन इकोसिस्टम के विकास और योजना को पूरा करने की उम्मीद करते हैं।”