अदाणी ग्रुप (Adani Group) अगले 5 से 10 सालों के बीच 7 हवाई अड्डों के विस्तार के लिए 60,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बना रहा है। ग्रुप की योजना इन हवाई अड्डों की क्षमता में विस्तार कर कंपनी की कमाई में इजाफा करना है।
अदाणी एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स (Adani Airports Holdings- AAHL) ) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अरुण बंसल ने कहा कि अगले पांच सालों में ‘एयरसाइड’ पर 30,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जबकि उसके अगले पांच से 10 सालों में ‘सिटीसाइड’ के लिए 30,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे। मौजूदा समय में Adani Airports Holdings के पास 7 एयरपोर्ट्स हैं- जिसमें मुंबई, अहमदाबाद, लखनऊ, मंगलुरु, गुवाहाटी, जयपुर और तिरुवनंतपुरम शामिल है।
बता दें कि एयरपोर्ट के दो साइड होते हैं- एयरसाइड औऱ सिटीसाइड। एयरसाइड में एयरक्रॉफ्ट्स का आना-जाना यानी अराइवल और डिपॉर्चर होता है, जिसमें रनवे, कंट्रोल टॉवर्स, एयरक्रॉफ्ट मेंटिनेंस और रिफ्यूलिंग जैसी सभी सुविधाएं शामिल होती हैं। वहीं सिटीसाइड एयरपोर्ट कमर्शियल बेनिफिट के लिए बनाए जाते हैं। इसके तहत पैसेंजर्स के फायदे के लिए हवाई अड्डे के चारों ओर कमर्शियल फैसिलिटीज बनाई गई हैं।
दूसरे शब्दों में कहें तो ‘एयरसाइड’ हवाई अड्डे का वह सुरक्षित क्षेत्र है जहां केवल बोर्डिंग पास वाले यात्री पहुंच पाते हैं, जबकि ‘सिटीसाइड’ या ‘लैंडसाइड’ हवाई अड्डे का सार्वजनिक क्षेत्र है जो किसी के लिए भी पहुंच योग्य है।
बंसल ने यह बात साफ की कि 60,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत खर्च (capex) में नवी मुंबई हवाई अड्डे (Navi Mumbai airport) के पहले फेज के डेवलपमेंट के लिए आवंटित 18,000 करोड़ रुपये शामिल नहीं हैं, जिसका ऑपरेशन मार्च 2025 तक शुरू होने वाला है।
बंसल ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लखनऊ हवाई अड्डे पर नए टर्मिनल का उद्घाटन करने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, ‘यह एक बड़ी रकम है, लेकिन अदाणी एंटरप्राइजेज (AEL) इंटर्नल अक्रुअल्स ( internal accruals) के जरिये इनपर निवेश करेगी। हम AEL के तहत काम करने वाला एक स्टार्टअप हैं, इसलिए AEL हमारे लिए इसे फंड करेगा।’ इंटर्नल अक्रुअल्स कंपनी द्वारा कमाया गया वह मुनाफा है जिससे कंपनी अपने विजनेस का विस्तार करने के लिए फिर से निवेश करती है। यानी यह कंपनी की पहले से कमाई गई रकम है जो उसके पास रखी हुई है।
बंसल ने कहा कि अपने मौजूदा हवाई अड्डों के सिटीसाइड के संबंध में, अदाणी ग्रुप होटल, सम्मेलन केंद्र (convention centres), खुदरा दुकानों (retail outlets) और खाद्य और पेय (food and beverage ) प्रतिष्ठानों सहित एंटिग्रेटेड सिटीसाइड बनाना चाहता है। बंसल ने शहर के विकास के लिए 5 से 10 साल की समयसीमा के कारणों को समझाया।
उन्होंने कहा, ‘सिटीसाइड के डेवलपमेंट के लिए पर्यावरण मंजूरी, जमीन की मंजूरी जैसी कई चीजों की जरूरत होती है। हमारे कुछ हवाई अड्डों पर, हमारी जमीन पर विभिन्न उद्देश्यों के लिए अतिक्रमण किया गया है, इसलिए हमें इसे साफ करने की जरूरत है। हमें मास्टर प्लान को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ( Airports Authority of India- AAI) से मंजूरी लेनी होगी। एक बार यह सब पूरा हो जाए तो हम तेजी लाएंगे। जहां भी मंजूरी उपलब्ध है, हम छोटे पैमाने पर शुरुआत कर रहे हैं… अगर ये मंजूरी तेजी से मिलती है, तो हम इसे अगले पांच सालों में करेंगे।’
उन्होंने इस बात को हाईलाइट किया कि सिटीसाइड के डेवलपमेंट के लिए फंडिंग की कोई सीमा नहीं है, बल्कि काम शुरू करने के लिए सभी आवश्यक अप्रूवल्स की उपलब्धता पर एक लिमिट है।
बंसल ने बताया कि अदाणी द्वारा संचालित सभी हवाईअड्डे ज्यादातर समय शहर से दूर थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘अहमदाबाद और जयपुर जैसे शहरों में, वीकेंड में घूमने के लिए लिमिटेड ऑप्शन्स हैं। हालांकि, इन शहरों के भीतर हवाई अड्डों के केंद्रीय स्थान के कारण, शहर के विकास के लिए पर्याप्त अवसर हैं।’
नवी मुंबई हवाई अड्डे के पहले चरण के विकास के लिए पूंजीगत खर्च की योजना 18,000 करोड़ रुपये है।
उन्होंने कहा, ‘यह मार्च 2025 तक तैयार हो जाएगा। हमने वहां टर्मिनल 2 और दूसरे रनवे (फेज II डेवलपमेंट के तहत) के निर्माण की योजना पहले ही शुरू कर दी है। दूसरे चरण के विकास के लिए बजट पर अभी तक काम नहीं किया गया है। हम मास्टर प्लान पर काम कर रहे हैं।’