अदाणी समूह ने रविवार को कहा कि उसे एमएससीआई के उस निर्णय से निराशा हुई है जिसके तहत अदाणी पोट्र्स ऐंड स्पेशनल इकनॉमिक जोन (एपीएसईजेड) को कुछ जलवायु परिवर्तन सूचकांकों से बाहर कर दिया गया है। समूह ने एमएससीआई द्वारा चयन पद्धति को गैर-पारदर्शी करार दिया है।
कंपनी ने कहा कि एपीएसईजेड 2025 तक कार्बन न्यूट्रैलिअी हासिल करने की प्रतिबद्धता में उद्योग की अधिकतर कंपनियों से काफी आगे थी। करीब 15 महीने पहले उसने अपने इस रुख का खुलासा किया था। कंपनी ने यह भी कहा कि वह विज्ञान आधारित लक्षित पहल करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। तीसरी तिमाही के दौरान एमएससीआई की ईएसजी विवाद रिपोर्ट के जवाब में एपीएसईजेड ने एमएससीआई को स्पष्ट कर दिया था कि कारमाइकल खदान में उसकी कोई शेयर हिस्सेदारी नहीं है। साथ ही उसने यह भी कहा था कि कंपनी बोवेन रेल और नॉर्थ क्वींसलैंड एक्सपोर्ट टर्मिनल दोनों में अपनी हिस्सेदारी को पहले ही बेच चुकी है।
कंपनी ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘हमने इस मामले में एमएससीआई को एक रिमाइंडर भी भेजा था। हालांकि एमएससीआई ने इन तथ्यों को शामिल करने अथवा एपीएसईजेड को उचित जवाब देने की कोशिश नहीं की।’
समूह ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि एमएससीआई के इस निर्णय में उन ताकतों का हाथ है जो पर्यावरण के लिए हमारी उन पहलों को कम करना चाहते हैं जिनके लिए अदाणी समूह ने सार्वजनिक तौर पर प्रतिबद्धताएं की हैं। साथ ही इसके जरिये उन्होंने दुनिया के एक अग्रणी ग्रीन पोर्ट ऑपरेटर की प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोशिश की है।’
कंपनी ने दावा किया है कि मार्केट फोर्सेज ऑस्ट्रेलिया की वेबसाइट से प्राप्त 9 सितंबर के एक ईमेल से पता चलता है कि एमएससीआई ने उन्हें पहले ही सूचित कर दिया था कि सूचकांक से एपीएसईजेड को बाहर करने की रूपरेखा किस प्रकार तैयार की गई थी। वे अदाणी के कारोबार के खिलाफ जबरदस्त प्रचार कर रहे हैं। इससे जाहिर होता है कि यह एपीएसईजेड के वैध कारोबारी हितों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास है।
कंपनी ने कहा, ‘हम इस प्रकार की गैर-पारदर्शी प्रक्रिया से निराश हैं लेकिन निवेशकों और एमएससीआई के साथ बातचीत करने के लिए हमारा दरवाजा पूरी तरह खुला है ताकि सस्टेनेबिलिटी एजेंडे के लिए पूर्ण अनुकूलन सुनिश्चित हो सके।’
