अदाणी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises ) केंद्रीय बजट से पहले 20,000 करोड़ रुपये का अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) लाने की योजना पर काम कर रही है। इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्र ने कहा कि मौजूदा रोडशो में वैश्विक निवेशकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिलने से अदाणी समूह उत्साहित है। सूत्रों ने कहा कि अदाणी समूह की इस कंपनी का यह पहला एफपीओ होगा जिसमें आंशिक चुकता शेयर जारी किए जाएंगे। आंशिक चुकता शेयर जारी करने से एईएल को कई चरणों में 20,000 करोड़ रुपये जुटाने में मदद मिलेगी।
अदाणी समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) की तर्ज पर ही एफपीओ लाने की योजना तैयार कर रहा है। 2020 में आरआईएल 53,124 करोड़ रुपये का मेगा राइट इश्यू लेकर आई थी। आरआईएल ने पहले और दूसरे चरण में केवल 25-25 प्रतिशत रकम जुटाई थी और शेष 50 प्रतिशत रकम 18 महीने की अवधि के दौरान जुटाई गई थी। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्र ने कहा कि एईएल दो किस्तों में 20,000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है और शुरुआती चरण में 10,000 करोड़ रुपये से कम रकम जुटाई जाएगी। एफपीओ के बाद एईएल के आंशिक चुकता शेयर दो स्टॉक एक्सचेंजों पर अलग-अलग कारोबार करेंगे। पूर्ण रूप से चुकता शेयरों की तुलना में इनका कारोबार बढ़त के साथ होगा।
एईएल के एफपीओ का प्रबंधन करने वाले एक निवेश बैंकर ने कहा, ‘पहले चरण में जारी होने वाले शेयरों की संख्या पर अंतिम निर्णय जल्द ले लिया जाएगा और यह रोडशो में निवेशकों से मिलने वाली प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा। अब तक वैश्विक निवेशकों की प्रतिक्रिया काफी शानदार रही है। एफपीओ केंद्रीय बजट से पहले लाया जाएगा।’ इस संबंध में एईएल को भेजे गए सवाल का कोई जवाब नहीं आया। एईएल का एफपीओ लाने की प्रक्रिया तेजी से (फास्ट ट्रैक रूट) निपटाई जाएगी। फास्ट ट्रैक रूट के ढांचे में बाजार नियामक सेबी ने 2020 में संशोधन किया था।
संशोधित ढांचे के तहत कम से कम 500 करोड़ रुपये सार्वजनिक शेयरधारिता रखने वाली किसी कंपनी को ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) तैयार करने और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास जमा करने करने की आवश्यकता नहीं होगी। इस कदम का मकसद कारोबार को सुगम बनाना और एफपीओ तैयार करने में लगने वाली समय सीमा को कम करना है। सामान्य तौर पर डीआरएचपी के लिए नियामकीय अनुमति लेने में कई महीने लग जाते हैं।
20,000 करोड़ रुपये जुटाने के लक्ष्य के साथ एईएल का एफपीओ भारत में अब तक सबसे बड़ा (एफपीओ) होगा। इससे पहले जुलाई 2020 में येस बैंक 15,000 करोड़ रुपये का एफपीओ लेकर आया था। हालांकि येस बैंक ने पूरी रकम एक ही बार में जुटाई थी। पिछले एक वर्ष में यह दूसरा मौका होगा जब अदाणी समूह दूसरी बार सार्वजनिक तौर पर रकम जुटाएगा। जनवरी 2022 में अदाणी विल्मर 3,600 करोड़ रुपये का सार्वजनिक निर्गम लेकर आई थी। सूचीबद्ध होने के बाद इस एफएमसीजी कंपनी का शेयर मूल्य दोगुना हो गया है। एईएल का शेयर भी पिछले एक वर्ष में दोगुना हो गया है। पिछले एक महीने में शेयर में करीब 10 प्रतिशत गिरावट जरूर आई है।
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बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि एफपीओ लाने के दौरान बाजार में अनिश्चितता से निपटना एक बड़ी चुनौती होगी। एक विश्लेषक ने कहा, ‘दो चरणों में एफपीओ लाना एक अच्छी सोच है। आईपीओ से उलट एफपीओ के लिए सदैव ही एक सक्रिय द्वितीयक बाजार उपलब्ध रहता है। अगर निर्गम मूल्य द्वितीयक बाजार की कीमत के करीब पहुंच जाता है तो निवेशक खासकर खुदरा निवेशक आवेदन करने से परहेज करने लगते हैं।’