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अदाणी मामले पर चीफ जस्टिस की निगरानी में जांच हो, जेपीसी गठित की जाए: कांग्रेस

Last Updated- February 02, 2023 | 3:00 PM IST
Gautam Adani

कांग्रेस ने अदाणी एंटरप्राइजेज के मामले को लेकर गुरुवार को मांग की कि उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश की देखरेख में इस पूरे मामले की जांच की जाए और उसकी रिपोर्ट प्रतिदिन सार्वजनिक की जाए तथा इस प्रकरण को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन हो।

मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि सार्वजनिक बैंकों और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के अदाणी समूह में निवेश तथा निवेशकों के हितों की सुरक्षा को लेकर संसद में विस्तृत चर्चा होनी चाहिए।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने अदाणी समूह पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया, “अदाणी का नैतिक रूप से सही होने की बात कहना वैसे ही है जैसे उनके प्रधान मेंटर द्वारा विनम्रता, सादगी और विशाल हृदयता के सद्गुणों का उपदेश देना। यह ‘एंटायर पॉलिटिकल साइंस’ है।”

कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया, ‘‘मोदी जी, बहुत मेहनत करके जो गुब्बारा फुलाया, उसकी हवा निकल गई। सारे नियम कानून ताक पर रखकर मोदी जी ने एक आदमी पाल-पोसकर बड़ा किया। यह मोदी जी और अदाणी जी के बीच का मामला होता तो हमें क्या आपत्ति थी। यह मामला हर भारतवासी की खून-पसीने की कमाई से जुड़ गया है। यह मामला सबकी जेब तक पहुंच गया।’’

खेड़ा का कहना था कि उन 45 करोड़ भारतीय नागरिकों के निवेश की सुरक्षा का सवाल है जिन्होंने एलआईसी में पैसा लगाया है।

उन्होंने कहा, ‘‘अदाणी जी के ‘प्राइम मेंटर’ अब चुप हैं। मोदी कुछ बोल नहीं रहे हैं। मोदी जी आप एलआईसी के 45 करोड़ खाताधारकों को धोखा तो नहीं कर रहे हैं।’’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हमारी तीन मांगें हैं। उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश की देखरेख में इस मामले की जांच हो जिसकी रिपोर्ट प्रतिदिन सार्वजनिक की जाए। इस प्रकरण को लेकर जेपीसी का गठन हो। सार्वजनिक बैंकों और भारतीय जीवन बीमा निगम के अडाणी समूह में निवेश तथा निवेशकों के हितों की सुरक्षा को लेकर संसद में विस्तृत चर्चा होनी चाहिए।’’

गौरतलब है कि अदाणी एंटरप्राइजेज ने बुधवार को अपने 20 हजार करोड़ रुपये के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को वापस लेने और निवेशकों का पैसा लौटाने की घोषणा की। हालांकि, कंपनी के एफपीओ को मंगलवार को पूर्ण अभिदान मिल गया था। समझा जाता है कि अदाणी एंटरप्राइजेज ने यह कदम अमेरिका की ‘‘शॉर्टसेलिंग’’ कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद उठाया है। हालांकि अदाणी समूह ने रिपोर्ट को निराधार बताया था।

First Published - February 2, 2023 | 3:00 PM IST

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