विजय माल्या की विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस पर 4,000 करोड़ रुपये के कर्ज से जूझ रही है।
डेक्कन एविएशन का विलय करने वाली किंगफिशर का राजस्व तकरीबन 3,000 करोड़ रुपये है और सालाना आधार पर इसका घाटा 900 करोड़ रुपये होने की संभावना है। माल्या के यूबी समूह के अधिकारियों ने इस कर्ज की पुष्टि की है, लेकिन इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय मार्गों पर अपनी उड़ानों की संख्या बढ़ा रही किंगफिशर को बढ़ रही विमान ईंधन कीमतों के कारण भी संघर्ष करना पड़ रहा है। हाल ही में किंगफिशर ने नए एयरबस विमान (ए330-200) को अपने बेड़े में शामिल किया है जिसका इस्तेमाल बेंगलुरु से लंदन और सैन फ्रांसिस्को जैसे अंतर्राष्ट्रीय मार्गों के लिए किए जाने की संभावना है।
यूबी समूह के एक वरिष्ठ वित्तीय अधिकारी ने बताया, ‘आज किंगफिशर का कर्ज भार बढ़ कर 4,000 करोड़ रुपये हो गया है। डेक्कन एविएशन की जिम्मेदारी संभालने के दौरान हमने इक्विटी के जरिये तकरीबन 1075 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई। ‘ किंगफिशर ने हाल ही में 1,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था जिसका बड़ा हिस्सा आईसीआईसीआई बैंक से जुटाया गया था।
किंगफिशर में विदेशी पायलट
किंगफिशर एयरलाइंस ने अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाओं के लिए 70 विदेशी पायलटों की भर्ती करने की योजना बनाई है। विदेशी परिचालन के लिए कुछ पायलट पहले से ही कंपनी के पास मौजूद हैं। कंपनी सितंबर से अपनी विदेशी उड़ान सेवाएं शुरू कर रही है।