Gold Price Outlook: सोना हमेशा से सुरक्षित निवेश और महंगाई से बचाव का साधन माना जाता है। लेकिन इस बार सोने की कीमतों में तेजी के पीछे सिर्फ महंगाई या आम लोगों की खरीदारी नहीं, बल्कि बड़े ग्लोबल कारण हैं। मौजूदा हालात बता रहे हैं कि सोने का सफर और लंबा हो सकता है।
टेक्निकल विश्लेषण साफ इशारा कर रहा है कि सोना तेजी के मजबूत पैटर्न से बाहर निकल चुका है। चार्ट के मुताबिक सोना $4,750 प्रति औंस तक जा सकता है, जो मौजूदा $3,500 से करीब 35% ऊपर है। भारत में इसका मतलब है कि आज लगभग ₹1,06,000 प्रति 10 ग्राम का भाव आने वाले समय में ₹1,40,000–₹1,45,000 तक पहुंच सकता है।
सोने की असली मांग अब दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों से आ रही है। अमेरिका और डॉलर पर भरोसे में कमी और लगातार बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव की वजह से कई देश अपनी रिज़र्व रणनीति बदल रहे हैं। 2025 की पहली तिमाही में सेंट्रल बैंकों की सोने की खरीद पिछले पांच साल के औसत से 24% ज्यादा रही। चीन और पोलैंड इसमें सबसे आगे रहे।
यूक्रेन युद्ध ने इस कहानी को बड़ा मोड़ दिया। 2022 में जब रूस के 300 अरब डॉलर से ज्यादा के विदेशी रिज़र्व फ्रीज कर दिए गए, तब कई देशों को एहसास हुआ कि डॉलर जैसी संपत्तियों को राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। तभी से सोना सबसे भरोसेमंद “इंश्योरेंस पॉलिसी” बन गया है — यह तरल है, आसानी से ले जाया जा सकता है और उस पर किसी भी तरह के प्रतिबंध असर नहीं डालते। यही वजह है कि अब सेंट्रल बैंक हर साल 1,000 टन से ज्यादा सोना खरीद रहे हैं, जो पिछले दस सालों के औसत से दोगुना है। यह केवल खरीदारी नहीं है, बल्कि पूरी रणनीति का नया पुनर्गठन है।
कमज़ोर रुपये ने सोने की कीमत को और ऊपर पहुंचा दिया। अप्रैल 2025 में जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना $3,500 प्रति औंस तक गया, तो भारत में इसका भाव ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम से भी ऊपर निकल गया। इतनी बड़ी कीमत देखकर आम निवेशक ही नहीं, बड़े-बड़े संस्थान भी सोने की तरफ और ज्यादा आकर्षित हो गए।
भारत में भी निवेशकों का रुख साफ दिख रहा है। गोल्ड ETF में जून 2025 में ₹2,000 करोड़ और जुलाई में ₹1,256 करोड़ का निवेश आया। पहले जहां सोना त्योहार और शादियों के लिए खरीदा जाता था, अब लोग इसे गंभीर निवेश के रूप में देख रहे हैं। डॉलर की तुलना में रुपये की कमजोरी ने इस तेजी को और बढ़ाया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोना $3,500 प्रति औंस पहुंचा, तो भारत में इसका भाव ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम से ऊपर चला गया।
विशेषज्ञों का मानना है कि सोने में अभी भी मजबूत तेजी बनी रहेगी, लेकिन निवेश सोच-समझकर करना चाहिए। एक साथ बड़ी रकम न लगाएँ, बल्कि किस्तों में खरीदें। पोर्टफोलियो का 5–10% सोने में निवेश करना समझदारी होगी। मध्यम अवधि में $4,750 प्रति औंस का स्तर संभव है और लंबी अवधि में सोना अब सिर्फ गहना नहीं बल्कि वित्तीय सुरक्षा का आधार बनता जा रहा है।
नोट: यह लेख SAMCO सिक्योरिटीज में मार्केट पर्सपेक्टिव्स और रिसर्च हेड अपूर्वा शेठ के विचारों पर आधारित है।