facebookmetapixel
भारत बन सकता है दुनिया का सबसे बड़ा पेड म्यूजिक बाजार, सब्सक्रिप्शन में तेज उछालYear Ender 2025: महाकुंभ से लेकर कोल्डप्ले तक, साल के शुरू से ही पर्यटन को मिली उड़ानYear Ender 2025: तमाम चुनौतियों के बीच सधी चाल से बढ़ी अर्थव्यवस्था, कमजोर नॉमिनल जीडीपी बनी चिंताYear Ender 2025: SIP निवेश ने बनाया नया रिकॉर्ड, 2025 में पहली बार ₹3 लाख करोड़ के पारकेंद्र से पीछे रहे राज्य: FY26 में राज्यों ने तय पूंजीगत व्यय का 38% ही खर्च कियाएनकोरा को खरीदेगी कोफोर्ज, दुनिया में इंजीनियरिंग सर्विस सेक्टर में 2.35 अरब डॉलर का यह चौथा सबसे बड़ा सौदाकिराया बढ़ोतरी और बजट उम्मीदों से रेलवे शेयरों में तेज उछाल, RVNL-IRFC समेत कई स्टॉक्स 12% तक चढ़ेराजकोषीय-मौद्रिक सख्ती से बाजार पर दबाव, आय सुधरी तो विदेशी निवेशक लौटेंगे: नीलकंठ मिश्र2025 में टेक IPO बाजार की वापसी: मुनाफे के दम पर पब्लिक मार्केट में लौटा स्टार्टअप उत्साहडीमैट की दूसरी लहर: नॉन-लिस्टेड कंपनियों में इलेक्ट्रॉनिक शेयरों का चलन तेज, इश्यूर की संख्या 1 लाख के पार

सोना जल्द ही जा सकता है ₹1.4 लाख प्रति 10 ग्राम! जानें वजहें

सेंट्रल बैंकों की खरीद, गिरता रुपया और निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी सोने को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा सकती है।

Last Updated- September 05, 2025 | 8:17 AM IST
Gold investment

Gold Price Outlook: सोना हमेशा से सुरक्षित निवेश और महंगाई से बचाव का साधन माना जाता है। लेकिन इस बार सोने की कीमतों में तेजी के पीछे सिर्फ महंगाई या आम लोगों की खरीदारी नहीं, बल्कि बड़े ग्लोबल कारण हैं। मौजूदा हालात बता रहे हैं कि सोने का सफर और लंबा हो सकता है।

टेक्निकल चार्ट दिखा रहे हैं ऊंचाई

टेक्निकल विश्लेषण साफ इशारा कर रहा है कि सोना तेजी के मजबूत पैटर्न से बाहर निकल चुका है। चार्ट के मुताबिक सोना $4,750 प्रति औंस तक जा सकता है, जो मौजूदा $3,500 से करीब 35% ऊपर है। भारत में इसका मतलब है कि आज लगभग ₹1,06,000 प्रति 10 ग्राम का भाव आने वाले समय में ₹1,40,000–₹1,45,000 तक पहुंच सकता है।

सेंट्रल बैंकों की सोने पर नजर

सोने की असली मांग अब दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों से आ रही है। अमेरिका और डॉलर पर भरोसे में कमी और लगातार बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव की वजह से कई देश अपनी रिज़र्व रणनीति बदल रहे हैं। 2025 की पहली तिमाही में सेंट्रल बैंकों की सोने की खरीद पिछले पांच साल के औसत से 24% ज्यादा रही। चीन और पोलैंड इसमें सबसे आगे रहे।

यूक्रेन युद्ध ने इस कहानी को बड़ा मोड़ दिया। 2022 में जब रूस के 300 अरब डॉलर से ज्यादा के विदेशी रिज़र्व फ्रीज कर दिए गए, तब कई देशों को एहसास हुआ कि डॉलर जैसी संपत्तियों को राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। तभी से सोना सबसे भरोसेमंद “इंश्योरेंस पॉलिसी” बन गया है — यह तरल है, आसानी से ले जाया जा सकता है और उस पर किसी भी तरह के प्रतिबंध असर नहीं डालते। यही वजह है कि अब सेंट्रल बैंक हर साल 1,000 टन से ज्यादा सोना खरीद रहे हैं, जो पिछले दस सालों के औसत से दोगुना है। यह केवल खरीदारी नहीं है, बल्कि पूरी रणनीति का नया पुनर्गठन है।

कमज़ोर रुपये ने सोने की कीमत को और ऊपर पहुंचा दिया। अप्रैल 2025 में जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना $3,500 प्रति औंस तक गया, तो भारत में इसका भाव ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम से भी ऊपर निकल गया। इतनी बड़ी कीमत देखकर आम निवेशक ही नहीं, बड़े-बड़े संस्थान भी सोने की तरफ और ज्यादा आकर्षित हो गए।

भारत में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी

भारत में भी निवेशकों का रुख साफ दिख रहा है। गोल्ड ETF में जून 2025 में ₹2,000 करोड़ और जुलाई में ₹1,256 करोड़ का निवेश आया। पहले जहां सोना त्योहार और शादियों के लिए खरीदा जाता था, अब लोग इसे गंभीर निवेश के रूप में देख रहे हैं। डॉलर की तुलना में रुपये की कमजोरी ने इस तेजी को और बढ़ाया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोना $3,500 प्रति औंस पहुंचा, तो भारत में इसका भाव ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम से ऊपर चला गया।

निवेशकों के लिए संदेश

विशेषज्ञों का मानना है कि सोने में अभी भी मजबूत तेजी बनी रहेगी, लेकिन निवेश सोच-समझकर करना चाहिए। एक साथ बड़ी रकम न लगाएँ, बल्कि किस्तों में खरीदें। पोर्टफोलियो का 5–10% सोने में निवेश करना समझदारी होगी। मध्यम अवधि में $4,750 प्रति औंस का स्तर संभव है और लंबी अवधि में सोना अब सिर्फ गहना नहीं बल्कि वित्तीय सुरक्षा का आधार बनता जा रहा है।

नोट: यह लेख SAMCO सिक्योरिटीज में मार्केट पर्सपेक्टिव्स और रिसर्च हेड अपूर्वा शेठ के विचारों पर आधारित है।

First Published - September 5, 2025 | 8:01 AM IST

संबंधित पोस्ट