facebookmetapixel
RBI ने बैंकों को कहा: सभी शाखाओं में ग्राहकों को बुनियादी सेवाएं सुनिश्चित करें, सुधार जरूरीसाल 2025 बना इसरो के लिए ऐतिहासिक: गगनयान से भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान की उलटी गिनती शुरूदिल्ली देखेगी मेसी के कदमों का जादू, अर्जेंटीना के सुपरस्टार के स्वागत के लिए तैयार राजधानीदमघोंटू हवा में घिरी दिल्ली: AQI 400 के पार, स्कूल हाइब्रिड मोड पर और खेल गतिविधियां निलंबितUAE में जयशंकर की कूटनीतिक सक्रियता: यूरोप ब्रिटेन और मिस्र के विदेश मंत्री से की मुलाकात‘सच के बल पर हटाएंगे मोदी-संघ की सरकार’, रामलीला मैदान से राहुल ने सरकार पर साधा निशानासेमाग्लूटाइड का पेटेंट खत्म होते ही सस्ती होंगी मोटापा और मधुमेह की दवाएं, 80% तक कटौती संभवप्रीमियम हेलमेट से Studds को दोगुनी कमाई की उम्मीद, राजस्व में हिस्सेदारी 30% तक बढ़ाने की कोशिशकवच 4.0 के देशभर में विस्तार से खुलेगा भारतीय रेलवे में ₹50 हजार करोड़ का बड़ा सुरक्षा बाजारइंडिगो का ‘असली’ अपराध क्या, अक्षमता ने कैसे सरकार को वापसी का मौका दिया

समय से पहले शुरू हुई गेहूं की बुआई

Last Updated- December 08, 2022 | 1:49 AM IST

अनुकूल मौसम के कारण हरियाणा, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में अक्टूबर के तीसरे हफ्ते में रबी फसल की बुआई की शुरुआत हो चुकी है।


वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक का कहना है कि समय से पहले बुआई की शुरुआत मौसम की अनुकूलता की वजह से हुई है। करनाल स्थित गेहूं अनुसंधान केंद्र के निदेशक बी. मिश्रा ने कहा कि अच्छी नमी और मौसम के अनुकूल होने के चलते कुछ राज्यों में समय से पहले गेहूं की बुआई शुरू हो गई है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा में गेहूं की बुआई छह दिन पहले शुरू हुई जबकि महाराष्ट्र और गुजरात ने भी इस साल समय से पहले बुआई शुरू कर दी है। सामान्य तौर पर गेहूं की बुआई 30 अक्टूबर से 15 नवंबर के  बीच शुरू होती है।

मिश्रा ने कहा कि गेहूं के सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश के केवल पश्चिमी भाग में ही इस समय बुआई शुरू हुई है। उन्होंने कहा कि यूपी के केंद्रीय इलाके में गेहूं की बुआई में देरी हो सकती है क्योंकि वहां किसी और फसल के लगे होने की वजह से समय लग सकता है। उधर, पंजाब के किसान शुक्रवार से गेहूं की बुआई शुरू करने की योजना बना रहे हैं।

बी. मिश्रा ने कहा कि गेहूं उत्पादक राज्य मसलन उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में इस साल औसत से ज्यादा बारिश हुई है। इस वजह से जमीन की नमी में बढ़ोतरी हुई है। नमी में हुई बढ़ोतरी गेहूं की बुआई में काफी सहायक साबित होगा। फिलहाल इन राज्यों का तापमान रात में लगभग 19 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच है।

उन्होंने कहा कि इस साल गेहूं की बुआई करीब 2.9 करोड़ हेक्टेयर में होने की उम्मीद है और इसकी पैदावार में 20 लाख टन की बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि उन्होंने कहा कि उत्पादकता में बढ़ोतरी विभिन्न इलाकों में अलग-अलग और मौसम पर निर्भर करेगी।

मिश्रा ने कहा कि इस साल गेहूं की बुआई के लिए इसकी सात किस्मों की पहचान की गई है। उन्होंने कहा कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में डीबीडब्ल्यू-17 किस्म की मांग सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि इनके अलावा बुआई के लिए पीबीडब्ल्यू-550 और एचडी-2687 किस्म के गेहूं की भी मांग है।

पिछले साल भारत में 7.84 करोड़ टन गेहूं की पैदावार हुई थी। हालांकि सरकार ने 2008-09 में एक लाख टन ज्यादा गेहूं की पैदावार का लक्ष्य रखा है। हाल में हुए रबी सम्मेलन में विभिन्न राज्यों ने पैदावार बढाने के लिए समय पर गेहूं की बुआई व इसे नवंबर के अंत तक समाप्त करना सुनिश्चित किया था।

First Published - October 30, 2008 | 10:21 PM IST

संबंधित पोस्ट