facebookmetapixel
घने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालितनए साल पर होटलों में अंतिम समय की बुकिंग बढ़ी, पर फूड डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स के हड़ताल से दबावबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ढाका जाएंगे अंतिम संस्कार मेंकमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला देश का सुरक्षा सिद्धांत, अब सीधे वार के लिए भारत तैयारउम्मीदों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था! GST राहत और बढ़ी खपत ने संवारा, आय को लेकर उम्मीदें मजबूतMapmyIndia के मैपल्स ऐप में मेट्रो, रेल व बस रूट जुड़े, पब्लिक ट्रांसपोर्ट हुआ और आसान31 दिसंबर की गिग कर्मियों की हड़ताल से क्विक कॉमर्स पर संकट, जोमैटो-स्विगी अलर्ट मोड मेंAI से बदलेगा बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग उद्योग, कैपजेमिनाई-WNS डील ने खोली नई राहTata Power ने रचा इतिहास, राजस्थान में 1 गीगावॉट सौर परियोजना की सफल शुरुआत

‘बारिश से गेहूं उत्पादन पर असर नहीं’

Last Updated- December 10, 2022 | 5:18 PM IST

दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक देश भारत में हुई बेमौसम बरसात और ओले से इसके उत्पादन अनुमान पर कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला है।


इस बीच कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि मौजूदा सत्र में गेहूं की सरकारी खरीद मूल्य में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी।देश के कृषि सचिव पी.के.मिश्रा ने नई दिल्ली में बताया कि बेमौसम हुई इस जोरदार बारिश और ओलावृष्टि का इस साल के गेहूं उत्पादन अनुमान पर थोड़ा ही फर्क पड़ेगा। पर इस फर्क के बावजूद गेहूं उत्पादन का मौजूदा लक्ष्य पा लिया जाएगा।


फिलहाल, सरकार का साल 2008 के लिए गेहूं का उत्पादन अनुमान 7.48 करोड़ टन का है। कृषि सचिव के मुताबिक, केंद्र ने सभी राज्य सरकारों को इस बारिश से हुए नुकसान का आकलन करने को कहा है। सभी राज्य सरकारें अपनी ओर से हुए इस नुकसान का आकलन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में निर्धारित लक्ष्य की सोमवार को समीक्षा की जाएगी, पर सरकार को भरोसा है कि पहले से निर्धारित लक्ष्य को पा लिया जाएगा।


नई दिल्ली स्थित भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक इस जोरदार बारिश से गेहूं का सबसे अधिक उत्पादन करने वाला देश का पश्चिमोत्तर भाग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अभी पिछले ही महीने सरकार ने घोषणा की थी कि इस साल गेहूं का उत्पादन पिछले साल के उत्पादन से 10 लाख टन कम रहकर 7.48 करोड़ टन रहने का अनुमान है।


मालूम हो कि साल 2007 में देश को 18 लाख टन गेहूं आयात करना पड़ा था। 6 सालों के बाद अनाजों के आयात की अनुमति मिलने के बाद 2006 में तो गेहूं के आयात का आंकड़ा 73 लाख टन तक पहुंच गया था।


कृषि सचिव से जब खाद्य तेलों पर शून्य आयात शुल्क के बाबत घरेलू तिलहन उत्पादन पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वर्तमान में खाद्य तेलों की ऊंची कीमत का बुरा असर भी तो किसानों को ही सबसे ज्यादा झेलना पड़ रहा है। इस लिए यह कदम उनके लिहाज से भी फायदेमंद है।उधर चंडीगढ़ में कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि इस साल गेहूं की सरकारी खरीद मूल्य में कोई वृद्धि नहीं होगी।

First Published - April 8, 2008 | 12:06 AM IST

संबंधित पोस्ट