कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी ने कहा है कि अमेरिका के 25 प्रतिशत के ऊंचे शुल्क और जुर्माने से भारत के समुद्री खाद्य निर्यात, विशेष रूप से झींगा मछली के निर्यात पर ‘गंभीर’ असर पड़ेगा।
गुलाटी ने कहा कि ट्रंप का सभी भारतीय वस्तुओं पर ऊंचा शुल्क लगाने का फैसला ‘बहुत बुरा’ और ‘चौंकाने वाला’ है। उन्होंने कहा कि उन्हें केवल 10-15 प्रतिशत शुल्क की उम्मीद थी। उन्होंने बताया, ‘यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि ट्रंप अप्रत्याशित और दंडात्मक रुख वाले हैं।’
गुलाटी ने कहा कि इस कदम से देश के झींगा निर्यात पर ‘गंभीर’ असर पड़ेगा तथा कम शुल्क और अमेरिका से करीबी भौगोलिक नजदीकी रखने वाले इक्वाडोर को फायदा होगा। झींगा निर्यात के अलावा, भारत के वस्त्र उद्योग पर उच्च अमेरिकी शुल्क का प्रभाव भी देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते से हमें जो बड़ा लाभ मिलता है, वह उच्च अमेरिकी शुल्क के कारण बेअसर हो जाएगा।’
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का झींगा निर्यात लगभग 4.88 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो कुल समुद्री खाद्य निर्यात का 66 प्रतिशत है। अमेरिका और चीन भारतीय झींगा के लिए शीर्ष बाजार बने हुए हैं, जहां कच्चे झींगा की किस्मों के निर्यात का लगभग आधा हिस्सा अमेरिका को जाता है।