भारत के वायदा बाजार में सोने का भाव 1 लाख रुपये (प्रति 10 ग्राम) का स्तर पार कर गया। यह पहला मौका है जब एमसीएक्स पर सोने का भाव 1 लाख रुपये के ऊपर निकल गया। सोने का वायदा मूल्य 1,00,314 रुपये प्रति 10 ग्राम बंद पर बंद हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का हाजिर मूल्य 3,432 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ।
शुक्रवार को मुंबई के जवेरी बाजार में शुद्ध सोने का भाव प्रति 10 ग्राम 99,058 रुपये के स्तर पर पहुंच गया। लंदन की कंपनी मेटल फोकस में मुख्य सलाहकार चिराग सेठ के अनुसार कीमतें ऊंचे स्तरों पर पहुंचने के बाद सोने की मांग कम हो गई है। मांग कम होते देख आयातकों को 40 डॉलर (प्रति 10 ग्राम 1,120 रुपये) कम पर सोने की पेशकश की जा रही है।
जून और जुलाई में सोने की मांग अक्सर कम हो जाती है। अगस्त के दूसरे पखवाड़े में त्योहारों की शुरुआत के साथ सोने की खरीदारी में तेजी आने लगती है।
अमेरिका में रहने वाले अल्गोरिद्म विशेषज्ञ एवं अरोड़ा रिपोर्ट के लेखक निगम अरोड़ा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘इस बात की पूरी संभावना है कि सोने का भाव प्रति औंस 4,000 डॉलर के स्तर पर पहुंच जाएगा। भारत, चीन, तुर्किये और पोलैंड समेत तमाम देशों के केंद्रीय बैंक लगातार सोना खरीद रहे हैं।’
इजरायल और ईरान के बीच अचानक युद्ध शुरू होने से हाल में कीमतों में तेजी देखी जा रही है। अरोड़ा ने कहा, ‘निकट अवधि में सोने की हद से ज्यादा खरीदारी हो सकती है। सोने की कीमतें काफी हद तक इस बात पर निर्भर करेंगी कि इजरायल-ईरान युद्ध किस स्तर तक खिंचता है। अगर इजरायल को युद्ध में निर्णायक जीत हासिल होती है तो सोने का भाव नीचे आ सकता है। अरोड़ा रिपोर्ट की सलाह है कि सोने में कोई भी बड़ी गिरावट पर खरीदारी की जा सकती है।’
मेटल फोकस ने 2025 के लिए हाल में प्रकाशित अपने अनुमान में कहा है कि इस साल सोने का औसत भाव 35 प्रतिशत की तेजी के साथ 3,210 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर रहेगा। हालांकि, यह औसत भाव है मगर यह काफी ऊपर जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि शुल्कों सहित अमेरिका में कीमतों को लेकर अनिश्चितता, भारी भरकम कर्ज और अमेरिकी शेयरों में भारी उतार-चढ़ाव सोने की कीमतें बढ़ा रहे हैं।
शाह कहते हैं कि 2026 में सोने की कीमतें प्रति औंस 3,800-4,000 डॉलर तक पहुंच सकती हैं। इजरायल और ईरान के बीच युद्ध छिड़ने से पिछले कुछ दिनों के दौरान कच्चे तेल की कीमतों में भी उबाल आ गया है। इससे मुद्रास्फीति बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है।
शाह के अनुसार ऊंची कीमतों पर मुनाफावसूली शुरू हो सकती है। मगर शाह का यह भी कहना है कि बाजार का रुख कभी भी बदल सकता है और कीमतों में तेज गिरावट दिख सकती है। शाह ने कहा कि गिरावट आएगी भी तो अधिक देर तक नहीं टिकेगी क्योंकि इसके बाद खरीदारी होने से सोना फिर ऊपर पहुंच जाएगा।
एमसीएक्स के आंकड़ों के अनुसार इजरायल और ईरान के बीच युद्ध के बाद जिंस कारोबारियों ने खुले दांव बढ़ा दिए हैं और इनमें ज्यादातर लंबी अवधि के हैं। एमसीएक्स के आंकड़ों के अनुसार शीर्ष 10 ओपन इंटरेस्ट 9,259 अनुबंध (लॉट) हैं जबकि बिकवाली के दांव 5,779 अनुबंध लॉट हैं।