Tomato price delhi: इन दिनों टमाटर (Tomato) ने भी रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। टमाटर महंगा होने की वजह पिछले महीने तक पड़ी प्रचंड गर्मी से इसकी फसल को नुकसान होना है। इसके साथ ही अब बारिश के कारण भी टमाटर की फसल प्रभावित हो रही है। इस वजह से ही टमाटर के दाम (Tomato Price) बढ़ रहे हैं।
हालांकि पिछले साल से टमाटर अभी भी सस्ता बिक रहा है। पिछले साल इन दिनों टमाटर के खुदरा भाव 150 रुपये किलो से ऊपर थे। जानकारों के मुताबिक अगले दो सप्ताह के दौरान टमाटर की नई फसल आने वाली है। लिहाजा इसके बाद टमाटर सस्ता होने की उम्मीद है।
मंडियों में कितना महंगा हुआ टमाटर?
पिछले महीने की शुरुआत में महाराष्ट्र के प्रमुख टमाटर उत्पादक इलाके नारायणगांव में टमाटर के थोक भाव 400 से 2,800 रुपये थे, जो अब बढ़कर 3,000 से 6,000 रुपये क्विंटल हो गए हैं। इसी तरह दिल्ली में इस दौरान टमाटर के थोक भाव 600-3,000 रुपये से बढ़कर 2,000 से 5,500 रुपये क्विंटल हो गए हैं।
कर्नाटक की प्रमुख टमाटर मंडी कोलार में भी इस दौरान इसके थोक भाव 400 से 29,00 रुपये से बढ़कर अब 1,650 से 4,500 रुपये क्विंटल हो गए हैं।
खुदरा बाजार में कितने बढ़े टमाटर के भाव?
थोक भाव बढ़ने का असर टमाटर की खुदरा कीमतों पर भी पड़ा है। दिल्ली के स्थानीय खुदरा बाजारों में टमाटर की कीमत 100 रुपये किलो पहुंच गई है।
कारोबारियों के मुताबिक हल्की गुणवत्ता का टमाटर भी 60 रुपये किलो बिक रहा है। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के विभाग के अनुसार देश भर में टमाटर की औसत खुदरा कीमत 58.20 रुपये किलो है, जो महीने भर पहले की कीमत 35.39 रुपये से करीब 60 फीसदी अधिक है।
विभाग के अनुसार देश भर में टमाटर की अधिकतम कीमत 100 रुपये किलो पार कर गई और सबसे महंगा टमाटर 115.67 रुपये किलो अंडमान और निकोबार में बिक रहा है।
टमाटर क्यों हो रहा है महंगा? (Why are tomatoes becoming expensive)
भारतीय सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष श्रीराम गाढवे कहते हैं कि मई-जून में तेज गर्मी के कारण टमाटर की फसल को नुकसान होने से अभी टमाटर कम आ रहा है। इसलिए इसके दाम तेजी से बढ़ रहे हैं।
आजादपुर मंडी के टमाटर कारोबारी अशोक कौशिक ने कहा कि हाल में बारिश से भी टमाटर को नुकसान हुआ है। इसके कारण भी मंडियों में टमाटर की आवक कम है। आजादपुर मंडी में इस समय टमाटर की आवक हिमाचल से हो रही है। हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के स्थानीय टमाटर की आवक अब बहुत कम हो रही है।
जिंसों की आवक और भाव के आंकड़े रखने वाली एजेंसी एगमार्कनेट के मुताबिक इस साल मई महीने में करीब 3.50 लाख टन टमाटर की आवक हुई थी, जो जून महीने में घटकर करीब 3 लाख टन रह गई।
कब मिलेगी टमाटर की महंगाई से राहत?
बाजार जानकारों के अनुसार टमाटर की महंगाई से राहत इस महीने के आखिर से मिलनी शुरू होने की उम्मीद है। गाढवे ने बताया कि इस महीने के आखिर या अगले महीने के शुरुआत में महाराष्ट्र में टमाटर की नई फसल आने लगेगी। इसके बाद टमाटर के दाम घटने लगेंगे।
हालांकि नई फसल आने तक इसकी कीमतों में और तेजी भी संभव है। कौशिक ने कहा कि दिल्ली में अगले 10-15 दिनों में कर्नाटक से टमाटर की आवक बढ़ने की उम्मीद है। जिससे इसके भाव घट सकते हैं।