facebookmetapixel
अक्टूबर में GST की आमदनी ₹1.96 ट्रिलियन, त्योहारों ने बढ़ाई बिक्री लेकिन ग्रोथ धीमीत्योहारों ने बढ़ाई UPI की रफ्तार, अक्टूबर में रोजाना हुए 668 मिलियन ट्रांजैक्शनHUL पर ₹1,987 करोड़ का टैक्स झटका, कंपनी करेगी अपीलSrikakulam stampede: आंध्र प्रदेश के मंदिर में भगदड़, 10 लोगों की मौत; PM Modi ने की ₹2 लाख मुआवजे की घोषणाCar Loan: सस्ते कार लोन का मौका! EMI सिर्फ 10,000 के आसपास, जानें पूरी डीटेलBlackRock को बड़ा झटका, भारतीय उद्यमी पर $500 मिलियन धोखाधड़ी का आरोपकोल इंडिया विदेशों में निवेश की दिशा में, पीएमओ भी करेगा सहयोगLPG-ATF Prices From Nov 1: कमर्शियल LPG सिलेंडर में कटौती, ATF की कीमतों में 1% की बढ़ोतरी; जानें महानगरों के नए रेटMCX पर ट्रेडिंग ठप होने से सेबी लगा सकती है जुर्मानासीआईआई ने सरकार से आग्रह किया, बड़े कर विवादों का तेज निपटारा हो

अनाज से एथनॉल बनाने वाले चाहते हैं ज्यादा दाम

अनाज आधारित एथनॉल के निर्माताओं ने इंगित किया कि पूरे साल के लिए गन्ना आधारित एथनॉल को खरीदने का दाम तय किया जा सकता है।

Last Updated- November 23, 2023 | 9:57 PM IST
ethanol production

अनाज आधारित एथनॉल निर्माताओं ने तेल मार्केटिंग कंपनियों (OMC) को क्षतिग्रस्त खाद्यान्न और मक्के से बने एथनॉल का खरीद मूल्य तुरंत बढ़ाने का निर्देश देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय से संपर्क किया है।

इन एथनॉल निर्माताओं के मुताबिक क्षतिग्रस्त अनाज से बनने वाले एथनॉल का खरीद मूल्य 69.54 और मक्के से बने एथनॉल का खरीद मूल्य 76.80 रुपये प्रति लीटर किया जाए। ऐसा करने पर नवंबर से शुरू हो रहे 2023-24 के एथनॉल आपूर्ति वर्ष में निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।

एथनॉल आपूर्ति वर्ष 2022-23 में क्षतिग्रस्त अनाज से बने एथनॉल का खरीद मूल्य 64 रुपये प्रति लीटर और मक्के से बने एथनॉल का खरीद मूल्य 66.07 रुपये प्रति लीटर तय किया गया था। खरीद मूल्य बढ़ाने की मांग तब की गई है जब भारतीय खाद्य निगम ने अतिरिक्त चावल की आपूर्ति कायम कायम नहीं रखी है।

अनाज आधारित एथनॉल प्रमुख तौर पर क्षतिग्रस्त अनाज और मक्के से बन रहा है। अभी भारत में दो स्रोतों से बना एथनॉल प्राप्त किया जाता है – इनमें एक गन्ना और दूसरा अनाज है। यह मांग ऐसे समय में हुई है जब केंद्र ने गन्ने से तैयार होने वाले एथनॉल का खरीद मूल्य भी घोषित नहीं किया है जबकि यह सत्र नवंबर से शुरू हो गया।

हाल में गठित अनाज एथनॉल निर्माता एसोसिएशन (जीईएमए) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी से मांग की है कि वर्तमान समय में खुले बाजार में उपलब्ध फीडस्टॉक (क्षतिग्रस्त अनाज और मक्के) की लागत के आधार पर लागत मूल्य तय किया जाए।

पत्र के अनुसार एथनॉल आपूर्ति वर्ष 2023-24 में तेल विपणन कंपनियों को 2.9 अरब लीटर अनाज आधारित एथनॉल मुहैया करवाया गया है। इसमें क्षतिग्रस्त अनाज (टूटे हुए चावल) की हिस्सेदारी 54 फीसदी, एफसीआई से सब्सिडी प्रदान की गई आपूर्ति की 15 प्रतिशत और मक्के की हिस्सेदारी 31 फीसदी रही।

प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र के अनुसार, ‘यह केंद्र के एथनॉल के मिश्रण कार्यक्रम में अनाज एथनॉल उद्योग की व्यापक भागीदारी प्रदर्शित करता है।’

तेल विपणन कंपनियों ने एथनॉल आपूर्ति वर्ष 2023-24 में 15 फीसदी सम्मिश्रण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 8.25 अरब लीटर एथनॉल की आपूर्ति की निविदा जारी की है। इसमें से 2.9 अरब लीटर एथनॉल की आपूर्ति अनाज आधारित स्रोतों से होती है और शेष गन्ना आधारित शीरे से होती है।

अनाज आधारित निर्माताओं ने कहा कि वे 15,000 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं। यह निवेश 2025 में बढ़कर 30,000 करोड़ रुपये हो जाएगा। उत्पादन क्षमता को 3.7 अरब लीटर से बढ़ाकर 6.5 अरब लीटर किया जा रहा है।

अनाज आधारित एथनॉल के निर्माताओं ने इंगित किया कि पूरे साल के लिए गन्ना आधारित एथनॉल को खरीदने का दाम तय किया जा सकता है। इसका कारण यह है कि गन्ने के दाम स्थिर रहते हैं।

हालांकि अनाज आधारित एथनॉल की के दाम रोजाना के आधार पर तय होते हैं। कई बार आपूर्ति व मांग के अंतर्गत घंटे के आधार पर भी तय होते हैं।

पत्र के अनुसार, ‘अनाज आधारित एथनॉल के मूल्य की हालिया समय के साथ पूरे साल के लिए समीक्षा किए जाने की जरूरत है। इसकी समीक्षा वर्तमान समय में पेट्रोलियम मंत्रालय के साथ तेल विपणन कंपनियां भी नहीं कर रही हैं।’

First Published - November 23, 2023 | 9:57 PM IST

संबंधित पोस्ट