वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नई दिल्ली में शुक्रवार 31 दिसंबर को होने वाली वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 46वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगी। बैठक के एजेंडे में टेक्सटाइल पर जीएसटी दरों में हाल में की गई बढ़ोतरी पर चर्चा होगी, जो 1 जनवरी से प्रभावी होने वाला है।
परिषद मंत्रियों से बनी दो समितियों की रिपोर्ट पर भी चर्चा कर सकती है, जिसका गठन सितंबर में हुई परिषद की बैठक में किया गया था।
राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों व केंद्र के अधिकारियों व सीतारमण के साथ बजट पूर्व बैठक के बाद तमिलनाजु के वित्त मंत्री पी त्यागराजन और राजस्थान के तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग ने पुष्टि की कि बैठक का मुख्य एजेंडा इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को ठीक करने के लिए टेक्सटाइल पर कर दरों में बढ़ोतरी होगा।
गर्ग ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा, ‘राजस्थान का मानना है कि टेक्सटाइल पर दरों में बढ़ोतरी वापस लेना चाहिए, खासकरक ऐसे वक्त में जब बांग्लादेश जैसे देश हमें इस क्षेत्र में कड़ी टक्कर दे रहे हैं।’
त्यागराजन ने कहा, ‘राज्य को अभी कल ही एजेंडा मिला है। इसलिए बहुत कम अवधि की नोटिस मेंं टेक्सटाइल चर्चा का मुख्य विषय नजर आ रहा है।’
लखनऊ में 17 सितंबर को जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक में परिषद ने फुटवीयर और टेक्सटाइल पर इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में सुधार करने का फैसला किया था। उसके बाद किसी भी मूल्य के फुटवीयर और टेक्सटाइल पर कर बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया, जो 1 जनवरी से प्रभावी होना है। इसके पहले अपैरल के मामले में प्रति पीस और फुटवीयर के मामले में प्रति जोड़ी की की कीमत 1,000 रुपये से कम होने पर जीएसटी दर 5 प्रतिशत थी।
विशेषज्ञों ने इसकी प्रशंसा की थी, वहीं कपड़ा उद्योग के एक वर्ग ने इसकी आलोचना करते हुए कहा था कि इस सेक्टर का एक छोटा समूह इनर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में आता है। तमाम व्यापार संगठन दरों में बढ़ोतरी वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा और तेलंगाना के उद्योग मंंत्री केटी रामाराव ने हाल ही में केंद्र से टेक्सटाइल व फुटवीयर पर जीएसटी दरों में प्रस्तावित बढ़ोतरी वापस लेने का अनुरोध किया था। मित्रा ने ट्वीट किया था, ‘मोदी सरकार 1 जनवरी को एक और गलती करने जा रही है। टेक्सटाइल पर जीएसटी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत किए जाने से 1.5 करोड़ नौकरियों का नुकसान होगा और एक लाख इकाइयां बंद हो जाएंगी।’
इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर की समस्या तब सामने आई, जब तैयार उत्पाद कम कर दायरे में आते थे और इनपुट में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल पर कम कर लगता था। बहरहाल इससे सामान्यतया तैयार उत्पादों के दाम में बढ़ोतरी होती है। टेक्सटाइल की तुलना में फुटवीयर की दरों में बढ़ोतरी का ज्यादा विरोध नहीं हुआ।
लखनऊ की बैठक में परिषद ने मंत्रियों के 2 समूह का गठन किया था। एक समूह को दरों को तार्किक बनाने और इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में सुधार को लेकर सुझाव देने थे, जिसकी अध्यक्षता कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोंबई कर रहे हैं। अन्य समूह को आईटी सिस्टम की समीक्षा, कर चोरी के संभावित क्षेत्र और आंकड़ों के विश्लेषण पर राय देनी थी। इस मंत्रिसमूह की अध्यक्षता महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार कर रहे हैं। दोनों मंत्रिसमूहों की रिपोर्टों पर शुक्रवार को चर्चा होगी।