facebookmetapixel
PayPal का भारत फोकस; घरेलू भुगतान नहीं, सीमा पार लेनदेन पर जोरAxis Bank का बड़ा प्लान, सभी प्रमुख कॉर्पोरेट्स को बैंकिंग सेवाएं देगासुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों को CGHS दरों से बड़ा फायदासरकार कंसर्ट अर्थव्यवस्था को दोगुना करने पर कर रही जोर, प्रक्रिया होगी आसानStocks To Watch Today: Saatvik Green को ₹707 करोड़ के ऑर्डर, Anant Raj का QIP खुला; जानें आज किन शेयरों में रहेगी हलचलNetflix India ने छात्रों के लिए IICT और FICCI के साथ समझौता कियाग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 : एनपीसीआई ने नई सहायक कंपनी बनाईग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 : बड़े लेनदेन के लिए होगी चेहरे से पहचानटेक बेरोजगारी और अतीत से मिले सबक: क्या AI से मानवता के सिर पर लटकी है खतरे की तलवार?खपत के रुझान से मिल रहे कैसे संकेत? ग्रामीण उपभोग मजबूत, शहरी अगले कदम पर

इस साल फीकी रहेगी सोने की चमक : बार्कलेज कैपिटल

Last Updated- December 09, 2022 | 7:51 PM IST

गाजा पट्टी पर इजरायली हमले और वैश्विक राजनीति के कारण हाल में सोने की कीमतों में आई तेजी के बावजूद चालू साल पिछले साल के औसत मूल्य जैसा नहीं रह सकता है। सोने की औसत कीमत पिछले साल के मुकाबले कम रहने के आसार हैं।


बार्कलेज कैपिटल के नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार अगले साल कम से कम सोने की कीमतों में स्थिरता रहेगी और आगामी महीनों में भाव में तेजी को समर्थन मिलेगा।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर एक बार सकारात्मक वाह्य कारकों को कीमत में शामिल कर लिया जाए और कीमत बढ़ाने वाला कोई कारक नहीं हो तो सोने के भाव में नरमी आनी शुरू हो जाएगी।

‘संदेह और अनिश्चितता के बीच’ इस कंसलटेंसी फर्म की भविष्यवाणी है कि साल 2009 में सोने की कीमतों में 6 प्रतिशत की नरमी आएगी और यह 820 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर आ जाएगा जबकि पिछले साल का आकलित औसत मूल्य 870 डॉलर प्रति औंस था।

इस भविष्यवाणी के अनुसार, दीर्घावधि में, संभवत: साल 2010 की समाप्ति तक सोने का भाव घट कर 650 डॉलर प्रति औंस हो सकता है। विश्लेषकों के विचार इस भविष्यवाणी से भिन्न हैं। उनका कहना है कि डॉलर में अनुमानित नरमी के परिणामस्वरूप सोने में निवेश बढ़ेगा।

इससे सोने की कीमतों में बढ़ोतरी होगी और यह भाविष्यवाणी वाली कीमतों की तुलना में 20 प्रतिशत कम या ज्यादा हो सकता है। वर्तमान में सोने का कारोबार 875 डॉलर प्रति औंस पर किया जा रहा है।

गाल्ड फील्ड मिनेरल सर्विसेज (जीएफएमएस) ने भी पहले भविष्यवाणी की थी कि सोने की औसत कीमत पिछले साल के मुकाबले साल 2009 में कम रहेग।

जीएफएमएस शैक्षिक एजेंसी है जो सोने पर शोध करती है। इसकी अगली भविष्यवाणी, सर्राफा कारोबार जिसका बेसब्री से इंतजार कर रहा है, इस महीने के मध्य में घोषित की जाएगी।

मुंबई सर्राफा बाजार के कारोबरियों को विश्वास है कि सोने की कीमतों में चल रही तेजी कुछ समय तक जारी रहेगी क्योंकि कुछ फंड फिलहाल बाजार में सक्रिय हैं। नकदी बढ़ाने के विभिन्न पैकेज के कारण वैश्विक स्तर पर वित्तीय संस्थाओं के पास पैसे हैं जिससे वे सोने की खरीदारी कर रहे हैं।

सोने की कीमतों में अपेक्षाकृत कम गिरावट आई। अन्य औद्यागिक बहुमूल्य धातुओं जैसे प्लैटिनम समूह के धातु और चांदी में 60 प्रतिशत तक की गिरावट आई जबकि सोने की कीमतों में केवल 20 प्रतिशत की।

हालांकि, हाल में सोने ने निराश किया है। साल 2008 की प्रथम तिमाही में इसकी कीमतें 1,000 डॉलर प्रति औंस से अधिक के स्तर पर पहुंच गई थी।

First Published - January 7, 2009 | 9:55 PM IST

संबंधित पोस्ट