केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद देश में प्रमुख उर्वरकों की आपूर्ति खरीफ सीजन में जरूरत के मुताबिक बनी हुई है। केंद्र ने किसी भी इलाके में खाद की कमी होने से इनकार किया है।
रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 2025 खरीफ सीजन में 143 लाख टन यूरिया की जरूरत का अनुमान लगाया गया था, जबकि कुल उपलब्धता 183 लाख टन है। इसमें से अब तक 155 लाख टन की रिकॉर्ड बिक्री हो चुकी है।
इसी तरह से खरीफ 2025 के लिए49 लाख टन डीएपी उपलब्ध है, जबकि 45 लाख टन की जरूरत का अनुमान लगाया गया था और अब तक 33 लाख टन डीएपी की बिक्री हो चुकी है।
केंद्र ने कहा कि एनपीके की उपलब्धता इस खरीफ सत्र में करीब 97 लाख टन है, जबकि 58 लाख टन जरूरत का अनुमान लगाया गया था। बयान में कहा गया है कि अब तक 64.5 लाख टन एनपीके की बिक्री हो चुकी है। बयान में कहा गया है, ‘उपरोक्त आंकड़ों से साफ है कि चालू खरीफ सीजन में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता बनी हुई है।’
कुछ दिनों पहले केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि धान और मक्के का रकबा बढ़ने के कारण इस खरीफ सीजन में यूरिया की बिक्री बढ़ी है।
बयान में कहा गया है कि मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति ने देश में उर्वरकों की आपूर्ति को प्रभावित किया है। लाल सागर संकट के कारण देश में आपूर्ति प्रभावित हुई है, जिसके कारण केप ऑफ गुड होप से होकर जहाजों को लाना पड़ा है और इसकी वजह से 6,500 किलोमीटर अतिरिक्त यात्रा करनी पड़ी है।
बयान में कहा गया है, ‘इसकी वजह से खासकर डीएपी की ढुलाई की अवधि में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। इसके अलावा रूस यूक्रेन युद्ध, इजरायल-ईरान युद्ध की वजह से भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में उर्वरक की कीमत बढ़ी है।’बहरहाल इन सभी चुनौतियों के बावजूद केंद्र ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को उर्वरक की कोई कमी न होने पाए।