facebookmetapixel
टायर स्टॉक पर Motilal Oswal बुलिश, कहा– वैल्यूएशन सपोर्टिव; ₹600 तक जाएगा शेयर!2025 में डर और लालच ने निवेशकों को क्या सिखाया और 2026 में इसमें क्या बदलाव कर सकते हैं?Aravalli Hills Row: सुप्रीम कोर्ट ने अरावली हिल्स फैसले को रोका, नए विशेषज्ञ पैनल से समीक्षा का आदेशNew Year 2026: 8वें वेतन आयोग से पैन-आधार तक, नए साल में बदलने वाले हैं ये बड़े नियमUnnao rape case: कुलदीप सेंगर की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, जेल में ही रहेंगे50% रिटर्न देगा ये IT Stock! ब्रोकरेज बोले – खरीद लो, अमेरिकी कंपनी की खरीद से बदलेगा गेम2025 में बदला भारत का रिटेल गेम: 10 मिनट से 30 मिनट डिलीवरी तक, क्विक कॉमर्स बना नया नॉर्म2025 का कॉर्पोरेट ड्रामा: इंडिगो से जेएसडब्ल्यू तक संचालन की कसौटीजर्मनी बना भारतीय यात्रियों का बीमा हब, $2.5 लाख का कवर हुआ नया मानकRamesh Damani की एंट्री से इस शेयर ने भरी उड़ान, 2 दिन में 10% उछला; 3 साल में 330% रिटर्न

एथनॉल मामले में चीनी मिलों ने मांगी न्यायालय से मदद

एक डिस्टिलरी और एक सहकारी चीनी मिल ने केंद्र के 7 दिसंबर के आदेश पर रोक लगाने के लिए अदालतों में अपील की है।

Last Updated- January 10, 2024 | 8:30 AM IST
Sugar Production: Sugar production in Maharashtra decreased by 20%, sugarcane crushing stopped in 92 sugar mills महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन 20% घटा, 92 चीनी मिलों में बंद हुई गन्ना पेराई

गन्ने के रस से एथनॉल बनाने पर 2023-24 चीनी सत्र में रोक लगाने के सरकार के आदेश के खिलाफ 2 चीनी फर्मों ने न्यायालय की शरण ली है। एक डिस्टिलरी और एक सहकारी चीनी मिल ने केंद्र के 7 दिसंबर के आदेश पर रोक लगाने के लिए अदालतों में अपील की है।

न्यायालय ने इन दो मिलों के लिए 7 दिसंबर के आदेश पर रोक लगा दी है, जिन्होंने याचिका दाखिल की थी। सूत्रों ने कहा कि सरकार ने भी कैविएट दाखिल करके कहा है कि इस मामले में उसकी बात भी सुनी जानी चाहिए। बहरहाल केंद्र की प्रतिक्रिया की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।

डिस्टिलरी ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में दाखिल अपनी याचिका में कहा है कि वह गन्ने से सिर्फ एथनॉल का उत्पादन करती है, चीनी का उत्पादन नहीं करती है, ऐसे में एथनॉल के उत्पादन में गन्ने का इस्तेमाल न करने का आदेश उसके उद्योग की मौत पर हस्ताक्षर है।

वहीं बंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ में दाखिल एक याचिका में एक सहकारी चीनी मिल ने 7 दिसंबर के आदेश को असंवैधानिक करार दिए जाने का अनुरोध किया है। साथ ही मिल ने नवंबर से शुरू 2023-24 आपूर्ति वर्ष में गन्ने के रस और बी-हैवी मोलैसिस से एथनॉल बनाने की अनुमति दिए जाने की मांग की थी।

Also read: Capital Goods: भारतीय कैपिटल गुड कंपनियां दिसंबर तिमाही में आय में मजबूती की दिशा में

केंद्र के 7 दिसंबर के आदेश पर न्यायालय द्वारा रोक सिर्फ खास मिलों के लिए है। केंद्र सरकार ने 7 दिसंबर को जारी आदेश में चीनी मिलों को गन्ने के रस और शीरे से 2023-24 आपूर्ति वर्ष में एथनॉल का उत्पादन न करने को कहा था, जिससे पूरा क्षेत्र संकट में पड़ गया है।

2025 तक 20 प्रतिशत एथनॉल मिलाने का लक्ष्य हासिल करने के लिए 2023-24 आपूर्ति वर्ष में पेट्रोल में 15 प्रतिशत एथनॉल मिलाने की जरूरत होगी। लेकिन ज्यादातर विशेषज्ञों का कहना है कि अगर गन्ने के रस और शीरे से एथनॉल नहीं बनाया जाता है तो 2023-24 में 10 प्रतिशत भी एथनॉल नहीं मिलाया जा सकेगा, 15 प्रतिशत तो भूल ही जाएं। पिछले कुछ साल से गन्ने का रस एथनॉल का सबसे बड़ा स्रोत बनकर उभरा है।

बहरहाल चीनी कंपनियों के विरोध के बाद सरकार ने अपने आदेश में संशोधन करते हुए प्रतिबंध की शर्तों में कुछ ढील दी थी और 2023-24 आपूर्ति वर्ष में 17 लाख टन चीनी के इस्तेमाल की अनुमति दे दी, जबकि पहले 40 लाख टन चीनी के इस्तेमाल की योजना बनी थी। इससे करीब 1.62 से 1.72 अरब लीटर एथनॉल उत्पादन करने में मदद मिलेगी।

First Published - January 9, 2024 | 11:08 PM IST

संबंधित पोस्ट