महाराष्ट्र में इस साल गन्ना पेराई सत्र एक नवंबर 2025 से शुरू करने का फैसला किया गया है। पिछले साल गन्ना पेराई की शुरुआत 15 नवंबर से की गई थी। महाराष्ट्र कृषि विभाग ने पेराई सत्र 2025-26 में 80.96 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया है जिसमें से लगभग 20 लाख मीट्रिक टन चीनी इथेनॉल उत्पादन में जाएगी। राज्य के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश से फसलों को हुए नुकसान को देखते हुए मंत्री समिति ने निर्णय लिया कि इस साल मुख्यमंत्री सहायता निधि के लिए प्रति टन 10 रुपये की कटौती और बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए प्रति टन 5 रुपये की कटौती की जाएगी।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में वर्ष 2024-25 पेराई सत्र की समीक्षा और 2025-26 के नए गन्ना पेराई की नीति तय करने के लिए आयोजित मंत्री समिति की बैठक सहकार आयुक्त दीपक तावरे ने राज्य के चीनी उद्योग के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ ने कृषि और बागवानों को भारी नुकसान पहुंचाया है, और भूमि कटाव के कारण किसान संकट में हैं।
गन्ना पेराई सत्र शुरू होने में अभी एक महीना बाकी है। गन्ना पेराई वास्तव में दिवाली के बाद ही शुरू होगी, इसलिए गन्ना कटाई मजदूरों की उपस्थिति भी सत्र की शुरुआत से रहने की उम्मीद है। 2024-25 सत्र में औसत गन्ना पेराई अवधि 85 दिन थी। इस 2025-26 सत्र में उपलब्ध गन्ना की स्थिति तुलनात्मक रूप से अच्छी है, इसलिए यह उम्मीद है कि यह सत्र औसतन 100 से 110 दिनों तक चलेगा।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि इस वर्ष पेराई होने वाले गन्ने के लिए बेसिक उतारा 10.25 फीसदी को ध्यान में रखते हुए प्रति मीट्रिक टन 3,550 रुपये वाजिब लाभ दर (FRP) दी जाएगी। पिछले सीजन में लगभग 200 चीनी मिलों ने पेराई की थी, जिनमें 99 सहकारी और 101 निजी चीनी मिलें शामिल थी। किसानों को 31,301 करोड़ रुपये की एफआरपी अदा की गई है। राज्य ने 99.06 फीसदी एफआरपी का भुगतान किया है, जिसमें 148 मिलों ने 100 फीसदी एफआरपी अदा की है।
को-जनरेशन परियोजनाओं में वर्ष 2024-25 में कारखानों द्वारा निर्यात की गई बिजली 298 करोड़ यूनिट्स रही, जिससे कारखानों को 1,979 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। कारखानों को एथेनॉल बिक्री से 6,378 करोड़ रुपये की आय हुई है।
चीनी आयुक्त दीपक तावरे ने कहा कि, पिछले वर्ष राज्य में 200 चीनी मिलों ने गन्ना पेराई की थी। इस वर्ष, अब तक 104 सहकारी और 107 निजी सहित कुल 211 चीनी मिलों ने क्षेत्रीय चीनी संयुक्त निदेशक कार्यालय स्तर पर गन्ना पेराई लाइसेंस के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं। यानी पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अधिक मिलें शुरू होने की उम्मीद है। पेराई सत्र की नीति के अनुसार उचित राशि का भुगतान करने और जांच के बाद सही प्रस्ताव वाली चीनी मिलों को पेराई लाइसेंस वितरित किए जाएंगे।