प्रमुख उत्पादक राज्यों में चीनी उत्पादन बढ़ने के कारण, सितंबर को समाप्त होने वाले चालू विपणन वर्ष के पहले चार महीनों में देश का चीनी उत्पादन 3.42 प्रतिशत बढ़कर 193.5 लाख टन हो गया। उद्योग निकाय इस्मा ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी है।
पिछले विपणन वर्ष की अक्टूबर-जनवरी अवधि के दौरान चीनी का उत्पादन 187.1 लाख टन रहा था। चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है। भारत विश्व का प्रमुख चीनी उत्पादक देश है।
भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने ताजा उत्पादन आंकड़े जारी करते हुए कहा कि 31 जनवरी तक लगभग 520 मिलें काम कर रही थीं, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह संख्या 510 की थी। एथनॉल निर्माण के लिए भेजे गये शीरे को अलग करने के बाद कुल चीनी उत्पादन चालू विपणन वर्ष के जनवरी तक बढ़कर 193.5 लाख टन हो गया है, जो कि एक साल पहले की समान अवधि में 187.1 लाख टन था।
देश के अग्रणी चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन अक्टूबर-जनवरी के दौरान बढ़कर 73.8 लाख टन हो गया, जो एक साल पहले 72.9 लाख टन था। देश के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन पहले के 50.3 लाख टन के मुकाबले मामूली बढ़कर 51 लाख टन हो गया, जबकि उक्त अवधि में देश के तीसरे सबसे बड़े उत्पादक राज्य कर्नाटक में उत्पादन पिछले साल के 38.8 लाख टन के मुकाबले बढ़कर 39.4 लाख टन हो गया।
विपणन वर्ष 2022-23 की अक्टूबर-जनवरी अवधि के दौरान अन्य राज्यों में भी उत्पादन 29.3 लाख टन रहा, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 25.1 लाख टन था। इस्मा ने कहा कि इस विपणन वर्ष की अक्टूबर-जनवरी की अवधि में एथनॉल उत्पादन के लिए लगभग 22.6 लाख टन चीनी की खपत की गई जो कि एक साल पहले की समान अवधि के 16.3 लाख टन से थोड़ा अधिक है।
उद्योग निकाय ने हालांकि, अनुमान लगाया है कि विपणन वर्ष 2022-23 के दौरान भारत का कुल चीनी उत्पादन पांच प्रतिशत घटकर 340 लाख टन रह सकता है क्योंकि अधिक मात्रा में गन्ने के रस को एथनॉल उत्पादन के लिए खपाया जा रहा है। विपणन वर्ष 2021-22 में चीनी का उत्पादन 358 लाख टन रहा था।