Soybean meal export: चालू तेल वर्ष के दौरान सोया खली का निर्यात उम्मीद से ज्यादा हो सकता है। सोयाबीन उद्योग के प्रमुख संगठन सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) ने सोया खली निर्यात के अपने अनुमान में संशोधन किया है और इसके निर्यात अनुमान को पहले से बढ़ा दिया है। सोपा ने अब पहले की तुलना में सोयाबीन पेराई भी अधिक होने का अनुमान लगाया है। हालांकि इस तेल वर्ष कैरी ओवर स्टॉक कम रह सकता है।
सोपा ने पहले तेल वर्ष 2024-25 (अक्टूबर से सितंबर) के दौरान 17 लाख टन सोया खली का निर्यात होने का अनुमान लगाया था। सोपा ने अब अपने अनुमान में संशोधन किया है और इसे 1.5 लाख टन बढ़ाकर 18.5 लाख टन कर दिया है। इस तरह अब सोया खली का निर्यात पहले के अनुमान से 8.8 फीसदी अधिक होने की उम्मीद है। हालांकि चालू तेल वर्ष में जुलाई तक सोया खली के निर्यात में गिरावट देखने को मिली है।
सोपा के अनुसार वर्ष 2024-25 की अक्टूबर-जुलाई अवधि में 17.08 लाख टन सोया खली का निर्यात हो चुका है, जो पिछली समान अवधि के निर्यात 19.24 लाख टन से करीब 11 फीसदी कम है।
कमोडिटी एक्सपर्ट और एग्रोकॉर्प इंटरनेशनल में रिसर्च हेड इंद्रजीत पॉल ने कहा कि बीते कुछ महीनों से सोया खली का निर्यात उम्मीद से अच्छा हो रहा है। इसलिए अब इस तेल वर्ष पहले से ज्यादा सोया खली का निर्यात हो सकता है। हालांकि यह पिछले तेल वर्ष से कम ही रह सकता है।
इस साल सोयाबीन की पेराई भी पहले अधिक होने की संभावना है। सोपा ने तेल वर्ष के शुरुआत में सोयाबीन की पेराई 110 लाख टन होने का अनुमान लगाया था। अब सोपा ने इसे बढ़ाकर 113 लाख टन कर दिया है। सोपा के मुताबिक चालू तेल वर्ष में अक्टूबर-जुलाई के दौरान 96 लाख टन सोयाबीन की पेराई हो चुकी है, जो पिछली समान अवधि में हुई 104 लाख टन पेराई से कम है। पिछले तेल वर्ष में 122.50 लाख टन सोयाबीन की पेराई हुई थी। तेल वर्ष 2024-25 के अंत में 8.94 लाख टन कैरी ओवर स्टॉक रहने की संभावना है, जो 2023-24 के 24.07 लाख टन से काफी कम है।