facebookmetapixel
सरकार जल्द ही लॉन्च करेगी SWAMIH-2 फंड, अटकी परियोजनाओं में 1 लाख मकानों का निर्माण होगापश्चिमी देशों के मुकाबले भारत में AI से दफ्तरी नौकरियों पर खतरा कमः आईटी सचिवभारत बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा फ्यूल रिटेल मार्केट, पेट्रोल पंप की संख्या 1 लाख के पारSamsung IPO: सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स की आईपीओ लाने की फिलहाल कोई योजना नहीं, AI और मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ पर फोकसYear Ender 2025: SIP बनी ग्रोथ इंजन, म्युचुअल फंड इंडस्ट्री का AUM ₹81 लाख करोड़ के पारदिग्गज PSU Bank शेयर पर एमके ने दी BUY रेटिंग, ₹350 का टारगेट; कहा- फंडामेंटल मजबूत, वैल्यूएशन आकर्षकYear Ender: 2025 में चार नए लेबर कोड लागू, कामगरों के वेतन और सामाजिक सुरक्षा को मिली नई उम्मीद2023 के शॉर्ट-सेलर संकट के बाद अदाणी ग्रुप की वापसी, ₹80,000 करोड़ के किये सौदेYear Ender: 2025 में स्मॉलकैप-मिडकैप की थमी रफ्तार, सेंसेक्स ने निवेशकों को दिया बेहतर रिटर्नYear Ender: 2025 में GST स्लैब और इनकम टैक्स में हुए बड़े बदलाव, मिडिल क्लास को मिली बड़ी राहत

नए निचले स्तर पर रुपया

डॉलर के मुकाबले रुपया नए निचले स्तर पर, व्यापार घाटा और अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड बने कारण

Last Updated- December 16, 2024 | 10:39 PM IST
Rupee vs Dollar

अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में तेजी और चीन की मुद्रा युआन कमजोर होने की वजह से डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर बंदी के नए निचले स्तर 84.87 पर पहुंच गया। डीलरों ने यह भी कहा कि नवंबर में भारत के वस्तु निर्यात में व्यापार घाटे का भी रुपये पर विपरीत असर पड़ा। शुक्रवार को रुपया 84.80 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

इस बीच डॉलर सूचकांक में मामूली गिरावट से दिन के दौरान रुपये को कुछ समर्थन मिला। डॉलर सूचकांक 0.14 प्रतिशत गिरकर 106.85 पर पहुंच गया। इस सूचकांक से 6 प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की स्थिति का पता चलता है।
विदेशी मुद्रा बाजार के हिस्सेदारों ने कहा कि सरकारी बैंकों ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से डॉलर की बिक्री की, जिससे अतिरिक्त उतार-चढ़ाव न हो।

जन स्मॉल फाइनैंस बैंक में ट्रेजरी और कैपिटल मार्केट्स के प्रमुख गोपाल त्रिपाठी ने कहा, ‘ट्रेड डेटा के कारण रुपया कमजोर हुआ, जिसमें व्यापार घाटा अब तक के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया है। निकट के हिसाब से यह और कमजोर हो सकता है। कुछ समय से रुपया एक निश्चित सीमा के भीतर और स्थिर बना हुआ है, लेकिन अगर व्यापार घाटा बढ़ता है या पूंजी की आवक कमजोर होती है तो यह डॉलर के मुकाबले और कमजोर हो सकता है।’

डीलरों ने कहा कि इस सप्ताह बाजार के प्रदर्शन में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के मौद्रिक नीति के फैसले के साथ बैंक ऑफ इंगलैंड और बैंक ऑफ जापान की भूमिका महत्त्वपूर्ण होने वाली है। हालांकि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की गतिविधियों जैसे घरेलू संकेतक बाजार की धारणा को आकार देंगे।

बाजार उम्मीद कर रहा है कि फेडरल रिजर्व आगामी बैठक में नीतिगत दर में 25 आधार अंक कटौती करेगा। फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी प्रमुख और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा, ‘बैंक ऑफ इंगलैंड और बैंक ऑफ जापान के साथ अमेरिकी फेडरल रिजर्व के मौद्रिक नीति के फैसले की इस सप्ताह बाजार के प्रदर्शन में उल्लेखनीय भूमिका होगी, वहीं घरेलू संकेतक जैसे जीडीपी वृद्धि और एफपीआई बाजार की धारणा को आकार देंगे।’

First Published - December 16, 2024 | 10:39 PM IST

संबंधित पोस्ट