कमोडिटी की वैश्विक कीमतों में हो रही कमी के चलते नवंबर में देश के तीनों राष्ट्रीय कमोडिटी एक्सचेंज के कारोबार में करीब 3.5 फीसदी की कमी हुई है।
इस तरह इस साल पहली बार इन एक्सचेंजों के कारोबार में कमी हुई है। गौरतलब है कि देश के कुल वायदा कारोबार का करीब 95 फीसदी इन तीन एक्सचेंजों में ही होता है।
देश के सबसे बड़े कमोडिटी एक्सचेंज मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) सहित नैशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) और नैशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एनएमसीई) में नवंबर महीने में कुल 3,31,967 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ।
मालमू हो कि पिछले साल नवंबर में इन एक्सचेंजों का कारोबार 3,33,655 करोड़ रुपये रहा था। सबसे ज्यादा गिरावट यदि कहीं हुई है तो वह एनसीडीईएक्स में हुई है।
यहां नवंबर में कारोबार 36 फीसदी सिकुड़ा है। जानकारों की मानें तो इसकी वजह कई खाद्य जिंसों के कारोबार का निलंबित रहना है।
पिछले साल नवंबर में एनसीडीईएक्स में करीब 41,379.42 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था लेकिन इस बार कारोबार महज 26,451 करोड़ रुपये रहा है।
हालांकि कुछ जिंसों पर लगा प्रतिबंध हटने से उम्मीद की जा रही है कि कारोबार में फिर तेजी आएगी। एनसीडीईएक्स में हो रहे कृषि जिंसों का कुल टर्नओवर जहां पिछले साल 34,642.68 करोड़ रुपये था, वहीं इस बार यह महज 22,889.85 करोड़ रुपये रहा।
गैर-कृषि जिंसों के टर्नओवर में भी कमी हुई है और यह 6,736.74 करोड़ रुपये से गिरकर 3,561.52 करोड़ रुपये रह गई है। गौरतलब है कि इस हफ्ते इन एक्सचेंजों ने वायदा कारोबार नियंत्रक वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) के सामने सोयाबीन तेल, चना, आलू और प्राकृतिक रबर का कारोबार दोबारा शुरू करने का आवेदन दिया।
इससे पहले एफएमसी ने संकेत दिया कि प्रतिबंधित जिंसों पर से प्रतिबंधित हटाया जा सकता है। आनंद राठी कमोडिटीज के शोध प्रमुख किशोर नार्ने ने बताया, ”कृषि और गैर-कृषि जिंसों की वैश्विक कीमतों में हुई 50 से 60 फीसदी की नाटकीय कमी के बावजूद नवंबर में इन एक्सचेंजों की आय में महज 3.5 फीसदी की ही कमी हुई।
इसका साफ और सीधा मतलब यह कि इन एक्सचेंजों में कारोबार बढ़ा है। अन्यथा इनके टर्नओवर में भी कीमतों में हुई कमी के अनुपात में ही कमी होती।” हालांकि देश के सबसे बड़े एक्सचेंज एमसीएक्स में नंवबर के दौरान महज 0.15 फीसदी की ही कमी हुई। पिछले साल नवंबर में एमसीएक्स का कारोबार जहां 2,90,250 करोड़ रुपये रहा था,
वहीं इस नवंबर में कारोबार 2,89,825 करोड़ रुपये रहा। एमसीएक्स में कृषि जिंसों के कारोबार में करीब 80 फीसदी की कमी हुई और यह 6,043 करोड़ रुपये से सिमटकर महज 1,324 करोड़ रुपये रह गया। मजेदार बात यह कि गैर-कृषि जिंसों के कारोबार में इस दौरान तेजी हुई है।
2007 के नवंबर में एमसीएक्स में गैर-कृषि जिंसों का कारोबार 2,84,207 रुपये का रहा था तो इस बार यह 2,88,501 करोड़ रुपये का हो गया। रेलीगेयर कमोडिटीज में जिंस कारोबार के प्रमुख जयंत मांगलिक ने बताया कि पिछले 11 महीने में इन जिंसों का कारोबार करीब दोगुना हो गया है।
यह तब की स्थिति है जब वैश्विक स्तर पर इन जिंसों की कीमतें नीचे गई हैं। अहमदाबाद स्थित नैशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज की बात करें तो इसका कारोबार करीब 181 फीसदी बढ़ा है।
2008 में वायदा एक्सचेंजों के कारोबार (करोड़ रु. में)
महीना 2008 2007
नवंबर* 3,19,042 3,33,655
अक्टूबर 3,97,473 3,32,123
सितंबर 5,04,847 2,71,892
णअगस्त 4,30,000 3,035,08
जुलाई 5,39,116 2,81,,949
जून 4,13,551 2,82,550
मई 3,63,961 3,03,441
अप्रैल 3,37,814 3,11,825
माच 4,70,141 3,49,593
फरवरी 4,34,756 2,95,435
जनवरी 4,44,192 2,91,967
* केवल राष्ट्रीय एक्सचेंज