facebookmetapixel
सोने-चांदी का कमाल! Edelweiss के इस फंड ने ₹10,000 मंथली SIP से 3 साल में बनाया ₹6.36 लाख का फंडप्रधानमंत्री मोदी ने देश को सौंपा नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, मेट्रो लाइन-3 का भी किया शुभारंभQ2 अपडेट में दिखाया दम, अब 30% रिटर्न देगा ये FMCG शेयर; ब्रोकरेज ने कहा – अभी खरीदेंसस्ता हुआ रूस का तेल! भारतीय रिफाइनर कर सकते हैं आयात में जबरदस्त बढ़ोतरीTata Capital IPO: अंतिम दिन पूरी तरह हुआ बुक, कितना है GMP और कितने रुपये हो सकती है लिस्टिंग? जानिएगुजरात में टैक्स कटौती की चर्चा के बीच इन दो Energy Stocks पर ब्रोकरेज बुलिश, ₹1,700 तय के टारगेट तयKotak MF लाया नया फंड, सोने-चांदी में एक साथ पैसा लगाने का मौका; ₹100 से निवेश शुरूपोर्टफोलियो में रख लें ये 5 शेयर, Motilal Oswal ने दी सलाह; अगले 1 साल में 25% तक मिल सकता है रिटर्नIMC 2025: Jio ने लॉन्च किया देश का पहला ‘सेफ्टी फर्स्ट’ फोन, कीमत सिर्फ ₹799; चेक करें शानदार फीचर्सTata Motors: 14 अक्टूबर को तय है रिकॉर्ड डेट; शेयर ₹740 से गिरकर ₹688 पर, जानिए आगे की ट्रेडिंग रणनीति

आलू की पैदावार में 15 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान

Last Updated- December 08, 2022 | 11:02 AM IST

अनुकूल मौसम के चलते साल 2008 में भारत में आलू की पैदावार 15.38 फीसदी तक बढ़ सकती है। इसकी कुल पैदावार 30 लाख टन तक बढ़ सकती है जबकि पिछले साल इसमें 26 लाख टन का इजाफा हुआ था।


पैदावार में इजाफेकी उम्मीद इस लिहाज से महत्वपूर्ण है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र की संस्था खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने कहा है कि आम लोगों के लिए (खासतौर से अफ्रीका और एशिया के लोगों के लिए) आलू मुख्य खाद्य हो सकता है। आलू के रकबा के लिहाज से भारत का स्थान विश्व में चौथा है, जबकि उत्पादन के लिहाज से तीसरा।

भारत में पूरी दुनिया की कुल आलू पैदावार का 8 फीसदी पैदा होता है। साल 1960 से 2000 के बीच आलू की पैदावार में करीब 850 फीसदी का इजाफा हुआ है क्योंकि ऊंची आय वाले शहरी आबादी की तरफ से इसकी मांग बढ़ी है। 1990 के बाद से अब तक प्रति व्यक्ति आलू की खपत सालाना 12 किलोग्राम से 17 किलोग्राम पर पहुंच गई है।

रेलिगेयर कमोडिटी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल आलू का फसल क्षेत्र बढ़कर 17.19 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है जबकि एक साल पहले यानी 2007 में य ह 15.70 लाख हेक्टेयर था। इसकी फसल सालों भर उगाई जाती है। मुख्य रूप से छोटे किसान इसे उगाते हैं और खपत भी उन्हीं के यहां हो जाती है।

ज्यादातर किसान धान की फसल काटकर इसे लगाते रहे हैं। इस तरह आलू रबी और खरीफ दोनों सीजन में उगाई जाती है, हालांकि रबी और खरीफ सीजन का उत्पादन अनुपात 15:1 का बैठता है।

खरीफ सीजन में आलू मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और उत्तरांचल में उगाई जाती है जबकि रबी सीजन में यह उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में।

आलू की फसल को बोने से लेकर इसमें फूल लगने तक मिट्टी में नमी की जरूरत तो होती है, लेकिन बहुत ज्यादा नमी इसके बीज को काफी नुकसान पहुंचाती है, लिहाजा पैदावार पर असर पड़ता है। आलू की फसल के लिए बारिश फायदेमंद तो होता है, लेकिन जमीन में पानी का जमाव इसके लिए खतरनाक होता है।

उत्तर प्रदेश अब भी आलू का सबसे बड़ा उत्पादक बना हुआ है। 2004-05 में यहां 98.21 लाख टन आलू की पैदावार हुई थी। यूपी में उस दौरान 4.4 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ये फसलें लगाई गई थी। साल 2008 में यहां 118 लाख टन आलू की पैदावार की संभावना है। इस समय यहां 5.45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में आलू की फसल बोई गई है।

उम्मीद है कि पैदावार की औसत दर 21.67 किलोग्राम की रहेगी। अन्य उत्पादक राज्य हैं पश्चिम बंगाल, बिहार, पंजाब, मध्य प्रदेश, गुजरात और असम। पिछले 10 साल में आलू की पैदावार में अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है।

ऐसे में आलू के तैयार होने के समय इसकी कीमत काफी कम हो जाती है क्योंकि किसान उस समय काफी माल बेचते हैं और अंतत: उन्हें नुकसान होता है। कई बार ऐसा भी होता है जब किसानों की लागत तक नहीं निकल पाती।

उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार में आलू का फसल क्षेत्र देश के कुल फसल क्षेत्र का 75 फीसदी है और कुल उत्पादन का 80 फीसदी इन्हीं राज्यों में होता है। भारत सालाना एकलाख टन आलू का निर्यात भी करता है।

First Published - December 24, 2008 | 10:25 PM IST

संबंधित पोस्ट