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संसदीय समिति ने नैनो उर्वरकों पर लंबे खेत परीक्षण की सिफारिश की, कहा: असर की गहन जांच जरूरी

नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के वास्तविक प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए इन्हें विभिन्न फसलों पर लंबे समय तक फील्ड ट्रायल के माध्यम से जांचे जाने की सिफारिश की गई है

Last Updated- December 02, 2025 | 10:50 PM IST
nano fertiliser
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

संसद की एक समिति ने सरकार से नैनो तरल उर्वरक के असर को जांचने के लिए अलग-अलग खेती की फसलों पर लंबे समय तक खेत परीक्षण करने को कहा है। रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय संबंधित संसद की एक स्थायी समिति ने सोमवार को ‘उर्वरकों के आयात को रोकने के मकसद से उर्वरकों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता- इसकी रुकावटों की समीक्षा’ संबंधित एक रिपोर्ट पेश की।

अपनी रिपोर्ट में समिति ने कहा कि उसे बताया गया कि नैनो-उर्वरक पौधों के पोषण में इस्तेमाल के लिए बहुत उम्मीद जगाते हैं, क्योंकि नैनो यूरिया और नैनो डीएपी (डाई-अमोनियम फॉस्फेट) पारंपरिक यूरिया और डीएपी की तुलना में कम कीमत पर बोतलों में उपलब्ध हैं।

नैनो-उर्वरकों को और बढ़ावा देने के लिए, समिति ने रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के तहत उर्वरक विभाग को कई सुझाव दिए हैं। समिति ने विभाग से नैनो यूरिया और नैनो डीएपी (डाई-अमोनियम फॉस्फेट) समेत नैनो उर्वरक का उत्पादन बढ़ाने के लिए कदम उठाने, असर जांचने के लिए खेत परीक्षण करने और किसानों में इस उत्पाद के बारे में जागरूकता फैलाने को कहा है। समिति ने कहा कि नैनो उर्वरक के उत्पादन के लिए कम मात्रा में कच्चे माल की ज़रूरत होती है।

First Published - December 2, 2025 | 10:23 PM IST

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