तेल विपणन कंपनियों (Oil Marketing Companies-OMC) ने एथनॉल आपूर्ति वर्ष 2023-24 के लिए 2.67 अरब लीटर आपूर्ति की दूसरी निविदा (2nd tender) जारी की है लेकिन यह निविदा केवल सी हेवी मोलैसिस (शीरा), मक्का व खराब अन्न से बने एथनॉल के लिए है।
इसे लागू करने का अर्थ यह है कि बी हेवी शीरा और गन्ने के रस (इन दोनों ही प्रक्रियाओं से वास्तविक रूप से चीनी का उत्पादन काफी घट जाता है) को हतोत्साहित किया गया है। एथनॉल आपूर्ति वर्ष नवंबर से दिसंबर तक रहता है।
एथनॉल आपूर्ति वर्ष 2023-24 की पहली निविदा अक्टूबर, 2023 में जारी की गई थी। इसमें तेल विपणन कंपनियों ने एथनॉल वर्ष 2023-24 के लिए पहली निविदा जारी की थी।
तेल कंपनियों ने इस अवधि में 15 प्रतिशत मिश्रण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी स्रोतों से बने 8.25 अरब लीटर एथनॉल की आपूर्ति की निविदा जारी की थी। इस क्रम में तेल विपणन कंपनियों ने सभी स्रोतों गन्ने के रस, चीनी, सीरप/बी हेवी मोलैसिस/सी हेवी मोलैसिस/खराब अन्न, मक्का, भारतीय खाद्य निगम से प्राप्त अतिरिक्त चावल से बने एथनॉल के लिए निविदा जारी की थी।
अक्टूबर के बाद चीनी के मामले में जमीनी हकीकत पूरी तरह से बदल गई। इस साल चीनी का उत्पादन कम होने के आसार हैं। लिहाजा सरकार ने सभी स्रोतों से एथनॉल की आपूर्ति हासिल करने का प्रयास किया।
हालांकि बीते सप्ताह चीनी के मामले में कुछ सुधार हुआ। उद्योग के मुताबिक चीनी का उत्पादन करीब 3.1 करोड़ टन होने की उम्मीद है जबकि पहले 2.9 करोड़ टन उत्पादन हुआ था। लेकिन अंतिम स्थिति स्पष्ट नहीं है।
हालांकि दस्तावेज से जानकारी मिलती है कि अक्टूबर, 2023 में जारी पहली निविदा से 5.6 अरब लीटर एथनॉल (निविदा के करीब 64 प्रतिशत) की आपूर्ति ही हुई। कोराबारी सूत्रों के मुताबिक गन्ने के शीरा से 2.67 अरब लीटर आपूर्ति का दावा किया गया है जबकि शेष की आपूर्ति खाद्यान्न से होनी है।