facebookmetapixel
FY26 में नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 7% बढ़कर ₹12.92 लाख करोड़ पर पहुंचा, रिफंड में सुस्ती का मिला फायदाDelhi Red Fort Blast: लाल किला धमाके से पुरानी दिल्ली के बाजारों में सन्नाटा, कारोबार ठपअक्टूबर में SIP निवेश ₹29,529 करोड़ के ऑलटाइम हाई पर, क्या है एक्सपर्ट का नजरियाहाई से 43% नीचे गिर गया टाटा ग्रुप का मल्टीबैगर शेयर, क्या अब निवेश करने पर होगा फायदा?Eternal और Swiggy के शेयरों में गिरावट! क्या अब खरीदने का सही वक्त है या खतरे की घंटी?अक्टूबर में इक्विटी म्युचुअल फंड में निवेश 19% घटकर ₹24,690 करोड़, SIP ऑलटाइम हाई परDelhi Pollution: AQI 425 के पार, बढ़ते प्रदूषण के बीच 5वीं क्लास तक के बच्चों की पढ़ाई अब हाइब्रिड मोड मेंअमेरिका-चीन की रफ्तार हुई धीमी, भारत ने पकड़ी सबसे तेज ग्रोथ की लाइन: UBS रिपोर्टगिरते बाजार में भी 7% चढ़ा सीफूड कंपनी का शेयर, इंडिया-यूएस ट्रेड डील की आहत से स्टॉक ने पकड़ी रफ्तारवर्क प्लेस को नया आकार दे रहे हैं कॉरपोरेट, एआई का भी खूब कर रहे हैं उपयोग

Lentil/Masoor import: ऑस्ट्रेलिया ने कनाडा को पीछे छोड़ा, मसूर आयात सर्वोच्च स्तर पर

केंद्रीय वाणिज्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में 16.76 लाख टन मसूर का आयात हुआ, जो मसूर आयात का सर्वोच्च स्तर है।

Last Updated- May 22, 2024 | 9:27 PM IST
Import of pulses is increasing, import of pigeon pea has increased more than double

देश में वित्त वर्ष 2023-24 में मसूर का रिकॉर्ड आयात हुआ है। भारत के लिए मसूर के प्रमुख आपूर्तिकर्ता कनाडा के साथ तकरार के बावजूद आयात बढ़कर करीब दोगुना हो गया। कनाडा से भी आयात में वृद्धि हुई। हालांकि कनाडा से रार का असर भी देखने को मिला है क्योंकि कुल आयात में कनाडा की हिस्सेदारी घटी है और कनाडा की जगह ऑस्ट्रेलिया भारत के लिए सबसे बड़ा मसूर आपूर्तिकर्ता देश बन गया।

2023-24 में कितना हुआ मसूर का आयात?

केंद्रीय वाणिज्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में 16.76 लाख टन मसूर का आयात हुआ, जो मसूर आयात का सर्वोच्च स्तर है। साथ ही यह इससे पहले वाले वित्त वर्ष के मसूर आयात से लगभग दोगुना है। वित्त वर्ष 2022-23 में 8.58 लाख टन मसूर का आयात हुआ था। केंद्र सरकार ने पिछले साल मसूर की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए इसके आयात पर लगने वाले शुल्क से छूट दी थी। जिससे मसूर आयात को बढ़ावा मिला है।

ऑस्ट्रेलिया ने कनाडा को पीछे छोड़ा

भारत के लिए कनाडा सबसे बड़ा मसूर आपूर्तिकर्ता देश रहा है और बीते वर्षों में भारत के कुल मसूर आयात में कनाडा की हिस्सेदारी 50 फीसदी के करीब रही है। लेकिन अब इसकी जगह ऑस्ट्रेलिया ने ले ली है। पिछले साल सितंबर में भारत और कनाडा के बीच तकरार के बाद भारतीय मसूर आयातकों ने ऑस्ट्रेलिया से मसूर आयात को तवज्जो दी। जिससे ऑस्ट्रेलिया ने कनाडा को पीछे छोड़ दिया।

वर्ष 2023-24 में आयात हुई 16.76 लाख टन मसूर में 8.22 लाख टन ऑस्ट्रेलिया से, जबकि कनाडा से 7.60 लाख टन मसूर आयात हुई। वर्ष 2022-23 में कुल 8.58 लाख टन मसूर आयात में करीब 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी के साथ सबसे अधिक 4.85 लाख टन मसूर कनाडा से आयात हुई थी, जबकि आस्ट्रेलिया से 3.55 लाख टन मसूर आयात हुई। इस तरह ऑस्ट्रेलिया ने भारत को मसूर आयात के मामले में कनाडा को पीछे छोड़ दिया। वर्ष 2023-24 में ऑस्ट्रेलिया से मसूर आयात में 131 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई।

तकरार के बावजूद कनाडा से बढ़ा मसूर आयात

पिछले वित्त वर्ष भले ही कनाडा की तुलना में ऑस्ट्रेलिया से मसूर का आयात अधिक हुआ हो। लेकिन भारत और कनाडा के बीच तकरार के बावजूद कनाडा से मसूर आयात में अच्छी खासी वृद्धि हुई है। वर्ष 2023-24 में कनाडा से 7.60 लाख टन मसूर का आयात हुआ, जो वर्ष 2022-23 में 4.85 लाख टन मसूर के आयात से करीब 57 फीसदी ज्यादा है।

ऑस्ट्रेलिया के साथ ही अन्य देशों से भी मसूर आयात में भारी बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2023-24 में रूस से मसूर का आयात 2022-23 के 371 टन से बढ़कर 45,472 टन हो गया। इसी तरह इस दौरान सिंगापुर से मसूर आयात 892 टन से बढ़कर 10,578 और तुर्किये से 75 टन से बढ़कर 10,781 टन हो गया।

First Published - May 22, 2024 | 9:08 PM IST

संबंधित पोस्ट