facebookmetapixel
घने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालितनए साल पर होटलों में अंतिम समय की बुकिंग बढ़ी, पर फूड डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स के हड़ताल से दबावबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ढाका जाएंगे अंतिम संस्कार मेंकमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला देश का सुरक्षा सिद्धांत, अब सीधे वार के लिए भारत तैयारउम्मीदों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था! GST राहत और बढ़ी खपत ने संवारा, आय को लेकर उम्मीदें मजबूतMapmyIndia के मैपल्स ऐप में मेट्रो, रेल व बस रूट जुड़े, पब्लिक ट्रांसपोर्ट हुआ और आसान31 दिसंबर की गिग कर्मियों की हड़ताल से क्विक कॉमर्स पर संकट, जोमैटो-स्विगी अलर्ट मोड मेंAI से बदलेगा बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग उद्योग, कैपजेमिनाई-WNS डील ने खोली नई राहTata Power ने रचा इतिहास, राजस्थान में 1 गीगावॉट सौर परियोजना की सफल शुरुआत

विदेशों में मिलेंगे भारत के पैकेज्ड आलू-बैगन

Last Updated- December 06, 2022 | 12:40 AM IST

कृषि व प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण देश की सब्जियों व फलों के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए बैगन से लेकर आलू तक की पैकेजिंग की तैयारी कर रहा है।


प्राधिकरण का कहना है कि देश की सब्जियों की पैकेजिंग की कोई प्रणाली नहीं है लिहाजा इसके निर्यात में बहुत अधिक बढ़ोतरी नहीं हो पा रही है। भारत फलों के उत्पादन के मामले में सबसे बड़ा देश है तो सब्जियों के उत्पादन के लिहाज से भारत का विश्व में दूसरा स्थान है।


जानकारी के मुताबिक अब निर्यात के लिए आलू-बैगन के साथ हरी मिर्च की पैकेजिंग भी की जाएगी। किन सब्जियों की पैकेजिंग किस मात्रा में की जाएगी, इसकी तैयारी भी कर ली गयी है। छोटे बैगन की प ैकेजिंग 250 से 500 ग्राम की मात्रा में होगी तो कड़ी पत्ता की पैकेजिंग 30 ग्राम की होगी। आलू की पैकेजिंग 1 किलो से लेकर 5 किलो तक की जाएगी तो चेरी टमाटर की पैकेजिंग मात्र 250 ग्राम में होगी।


अरबी को 250 ग्राम से लेकर 500 ग्राम तक में पैक किया जाएगा। फलों के मामले में यह मात्रा अधिक रखी गयी है। संतरे की पैकेजिंग एक किलोग्राम तक में होगी तो लीची की पैकेजिंग 2 किलोग्राम से 4 किलोग्राम तक में की जाएगी। सूत्रो का कहना है कि इनदिनों पैकेजिंग का जमाना है। और अच्छी पैकेजिंग का उपभोक्ताओं पर खासा असर पड़ता है। आंकड़ों के मुताबिक भारत में 46 मिलियन टन फल का उत्पादन होता है।


विश्व भर में फलों के कुल उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 10 फीसदी है। सब्जियों के मामले में घरेलू उत्पादन 80 मिलियन टन है जो कि विश्व बाजार का 15 फीसदी है। सूत्रों के मुताबिक आधुनिक सुविधाओं के अभाव में घरेलू बाजार 20 से 30 फीसदी सब्जियां बर्बाद हो जाती है। सूत्रों के मुताबिक पैकेजिंग प्रणाली का विकास सिर्फ इन सब्जियों की सुरक्षा के लिए ही नहीं की गयी है बल्कि निर्यात के दौरान सुरक्षित तरीके से इन्हें पहुंचाने के उद्देश्य भी किया गया है।

First Published - April 28, 2008 | 11:34 PM IST

संबंधित पोस्ट