मंगलवार को भारतीय रुपया तेज़ी के साथ खुला। डॉलर के मुकाबले रुपया 64 पैसे मज़बूत होकर 86.11 पर पहुंचा, जो सोमवार को 86.75 पर बंद हुआ था। यह 13 मई के बाद रुपया की सबसे बड़ी ओपनिंग तेज़ी रही है। हालांकि जून महीने में अब तक रुपया कुल 0.61% गिर चुका है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान और इजराइल के बीच “पूर्ण सीज़फायर” की घोषणा के बाद कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। सोमवार को तेल की कीमतें 7% गिर चुकी थीं और मंगलवार को भी गिरावट जारी रही।
ब्रेंट क्रूड: 2.48% गिरकर $69.71 प्रति बैरल
WTI क्रूड: 2.58% गिरकर $66.74 प्रति बैरल
इससे भारत जैसे बड़े तेल आयातक देशों को राहत मिली है, जिससे रुपये को भी सहारा मिला।
ईरान ने सोमवार देर रात क़तर में स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर मिसाइलें दागीं थीं, जिन्हें अमेरिका ने इंटरसेप्ट कर लिया। इसके कुछ ही घंटे बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने एलान किया कि ईरान और इजराइल अब सीज़फायर पर सहमत हो गए हैं।
हालांकि, ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराग़ची ने कहा कि कोई औपचारिक सीज़फायर नहीं हुआ है, लेकिन सुबह 4 बजे (तेहरान समय) के बाद ईरान अब और हमले नहीं करेगा। इस बयान ने संकेत दिया कि तनाव बढ़ने की संभावना कम है।
Finrex Treasury के कार्यकारी निदेशक अनिल भंसाली ने कहा कि ट्रंप के बयान से रुपये में तेज़ी आ सकती है और यह 86.15 के आसपास खुल सकता है। हालांकि, जब तक इजराइल और ईरान की ओर से पक्की पुष्टि नहीं होती, तब तक बाज़ार सतर्क रहेगा।
अब US फेडरल रिज़र्व प्रमुख जेरोम पॉवेल की गवाही पर बाज़ार की नज़र है, जहां ब्याज दर में कटौती के संकेत मिल सकते हैं।
HDB Financial Services का 25 जून को भारत का सबसे बड़ा NBFC IPO लॉन्च होने जा रहा है। भंसाली के मुताबिक, इससे भारत में विदेशी निवेश आ सकता है और डॉलर-रुपया दर 86.00 से नीचे जा सकती है।
सोमवार को अमेरिकी बाज़ार ऊपर बंद हुए और एशियाई बाज़ारों तथा मुद्राओं ने भी मंगलवार को मज़बूती दिखाई। इससे साफ है कि सीज़फायर की खबरों ने ग्लोबल मार्केट में ‘रिस्क-ऑन’ माहौल बनाया है।