पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि भारत आपूर्ति पक्ष के जोखिम को कम करने के लिए अमेरिका और वाणिज्यिक रूप से व्यवहार्य अन्य स्थानों में कच्चे तेल का भंडारण करने की संभावनाएं तलाश रहा है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। भारत ने तेल आयात में विविधता लाने के लिए उतार-चढ़ाव भरे पश्चिम एशिया के परंपरागत आपूर्तिकर्ताओं के अलावा अमेरिका, रूस और अंगोला से लंबे समय तक कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए समझौता किया है। उन्होंने ‘अत्मनिर्भर भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा’ पर एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अब 30 से अधिक देशों से कच्चे तेल का आयात कर रहा है, जिसमें अफ्रीका, उत्तर और दक्षिण अमेरिका के साथ ही दक्षिण पूर्व एशिया भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘हम अमेरिका और अन्य व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य स्थानों में कच्चे तेल के भंडारण की संभावनाएं तलाश रहे हैं।’
आर्थिक सुधार की गति को लेकर चिंता
कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों में लगातार वृद्धि और देश में लगाए गए कड़े लॉकडाउन का प्रभाव जारी रहने से अर्थव्यवस्था पर दबाव बना हुआ है। डन ऐंड ब्राडस्ट्रीट के मुख्य अर्थशास्त्री अरुण सिंह ने कहा, ‘संक्रमण को देखते हुए लगता है कि सुधार की गति धीमी रहेगी। यदि वृद्धि की ‘अंग्रेजी के वी शब्द’ के आकार की तरह नीचे आने के बाद तेजी से ऊपर जाती है तब भी जीडीपी का स्तर अहम होगा।’ भाषा