सोने की बढ़ती कीमतों ने भले ही नए गहनों की बिक्री को प्रभावित किया है लेकिन धनतेरस से पहले सिक्के और बार खरीदने के लिए दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ उमड़ रही है। सोने और चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड ऊंचाई के बावजूद खरीदारी में ग्राहकों की जबरदस्त दिलचस्पी दिख रही है।
मुंबई के ज्वैलरी बाजार में धनतेरस से पहले सोने और चांदी के सिक्के एवं बार खरीदने या बुक करने के लिए दुकानों में ग्राहकों की भीड़ उमड़ रही है। वे इसे निवेश विकल्प के रूप में भी खरीद रहे हैं। दिल्ली के दरीबा कलां बाजार में भी यही रुझान देखा गया। मगर मात्रा के लिहाज से उनकी खरीदारी इस साल कम दिख रही है।
गृहिणी मनीषा गजाणी ने मुंबई के जवेरी बाजार में धनतेरस पर लेने के लिए 5 ग्राम सोना बुक किया। उन्होंने कहा, ‘पिछले साल मैंने 10 ग्राम का सिक्का खरीदा था। मगर इस साल केवल 5 ग्राम ही खरीद सकी क्योंकि कीमतें आसमान छू रही हैं।’
कामकाजी पेशेवर 28 वर्षीय काशा सिद्दीकी भी चांदी के बार में निवेश के उद्देश्य से खरीदारी करने आई थीं क्योंकि चांदी की कीमत भी बढ़ रही है। उन्होंने कहा, ‘मैं चांदी के बार को कम से कम दो साल के लिए निवेश के रूप में रखना चाहती हूं क्योंकि कीमत लगातार बढ़ रही है।’ चांदी की कमी के कारण मुंबई की कुछ दुकानें बाद की तारीख में डिलिवरी के लिए बुकिंग नहीं ले रही थीं। मगर कुछ दुकान मालिकों ने बताया कि आपूर्ति अब बेहतर हो गई है।
करीब सौ साल पुरानी गहनों की दुकान उमेदलाल तिलोकचंद झवेरी के मालिक कुमार जैन ने कहा कि इस धनतेरस पर सिक्कों और बार की जबरदस्त मांग है। ग्राहक गहने खरीदने के लिए आ रहे हैं, लेकिन अधिकतर ग्राहक पुराने सोने को बेच रहे हैं और इस साल शादी-ब्याह के मौसम से पहले नए डिजाइन चुन रहे हैं। उन्होंने कहा कि सोने और चांदी की मांग में 20 फीसदी की वृद्धि दिख रही है।
जवेरी बाजार में चांदी के गहनों की विशेषज्ञता वाली दुकान एसएसके ज्वैलर्स के मालिक विनोद जैन ने भी कहा कि मांग बरकरार है लेकिन ऊंची कीमतों के कारण खरीद की मात्रा कम हो गई है।
चांदी के एक अन्य जौहरी श्रीपाल सुराणा, पुखराज जवानमल सुराणा ज्वैलर्स के मालिक हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 15 से 20 दिनों से बिक्री में काफी तेजी दिख रही है। उन्होंने कहा कि चांदी के सिक्के और बार की मांग में 30 से 40 फीसदी की वृद्धि हुई है क्योंकि कीमतें तेजी बढ़ी हैं।
यूटी जवेरी ऐंड संस के मालिक जीतू जैन ने कहा कि पिछले साल के धनतेरस की तुलना में सिक्के और बार की मांग तीन गुना बढ़ गई है। हमने आधे ग्राम के सिक्कों की मात्रा भी बढ़ा दी है क्योंकि कीमतें अधिक हैं और ग्राहक अभी भी निवेश के लिए सोना खरीदना चाहते हैं।
दिल्ली में भी धनतेरस से पहले सोने-चांदी की खरीदारी का रुझान मुंबई जैसा ही है। दिल्ली के जौहरियों के अनुसार, 999 चांदी की कीमतें 1.76 लाख रुपये प्रति किलोग्राम और 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमतें 1.34 लाख रुपये तक पहुंच गईं।
दरीबा ज्वैलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष तरुण गुप्ता ने कहा, ‘ज्यादातर लोग यहां निवेश के लिहाजा से सोना-चांदी खरीदने आए हैं। यह एक प्रथा है और इसलिए लोग सोना-चांदी खरीदना जारी रखेंगे। यही कारण है कि मांग अच्छी दिख रही है। कीमतों में तेजी के बावजूद लोगों के पास खरीदने की क्षमता है। गहनों की बिक्री प्रभावित हुई है, लेकिन बार और सिक्के की बिक्री इस साल लगभग दोगुनी हो चुकी है।’
रतन चंद ज्वाला नाथ ज्वैलर्स के मालिक गुप्ता ने कहा कि गहनों की बिक्री में करीब 40 फीसदी की गिरावट आई है। उन्होंने कहा, ‘त्योहारों के दौरान सोना खरीदने का एक सांस्कृतिक महत्त्व है और वह जारी रहेगा। लोग उपहार देने के उद्देश्य से सिक्के खरीद रहे हैं और कच्चे सोने को निवेश के रूप में रख रहे हैं क्योंकि सोने की कीमतों में आगे वृद्धि होने के आसार हैं।’
शनिवार को धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदने का जोश चरम पर दिख सकता है। गुप्ता ने कहा, ‘सोने-चांदी की मांग में कमी नहीं दिख रही है।’ राधे किशन गोपाल किशन ज्वैलर्स के मालिक और बाजार संघ के महासचिव गौरव गुप्ता ने कहा, ‘वास्तव में हम चांदी के सिक्कों की कमी से जूझ रहे हैं क्योंकि निवेश के उद्देश्य से धातु की मांग बढ़ गई है।’ उन्होंने कहा, ‘सोने की कीमतें आसमान छू रही हैं और ऐसे में लोग चांदी की ओर रुख कर रहे हैं। चांदी की कीमतें भी बढ़ रही हैं, जिससे यह निवेश का एक बेहतर विकल्प बन गया है।’
सभी ज्वेलरी स्टोरों पर स्थिति लगभग समान है। दिल्ली के प्रीत विहार के एक प्रमुख ज्वेलर ने कहा, ‘लोग पुराने सोने के बदले नए गहने या बुलियन खरीद रहे हैं ताकि उन्हें बाद में निवेश के रूप में रखा जा सके।’ उन्होंने कहा कि शादी-ब्याह का सीजन नजदीक आने के साथ ही कम कैरेट वाले हीरे के गहनों में तेजी दिखने लगी है।