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सेन समिति की सिफारिश से वायदा कारोबारी खुश

Last Updated- December 06, 2022 | 12:43 AM IST

वायदा कारोबार पर गठित सेन समिति ने मंगलवार को सरकार के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश की। इसके साथ ही वायदा कारोबार पर जारी असमंजस की स्थिति पर भी विराम लग गया।


अब सरकार इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लेगी। समिति के अध्यक्ष अभिजीत सेन ने कहा कि गेहूं और चावल के वायदा कारोबार पर पाबंदी कायम रहनी चाहिए, जबकि उन्होंने अन्य कमोडिटी को इस दायरे में लाने का कोई सुझाव नहीं दिया।


दरअसल, समिति के सदस्यों का मानना है कि वायदा कारोबार की वजह से कामेडिटी की कीमतों पर असर नहीं पड़ा है, यही वजह है कि उन्होंने किसी भी कामेडिटी के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव नहीं दिया है।


उल्लेखनीय है कि चावल-गेहूं सेमत अन्य खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतों से चिंतित सरकार ने महंगाई दर पर अंकुश के लिए पिछले साल चावल और गेहूं के वायदा कारोबार पर रोक लगा दी थी।इसके साथ ही खाद्य तेलों के निर्यात पर भी पाबंदी लगा दी।


बावजूद इसके खाद्यान्नों की कीमतों में नरमी नहीं आई। लोगों का कहना था कि वायदा कारोबार की वजह से खाद्यान्नों की कीमतों में अनावश्यक तेजी बनी हुई है। यही वजह है कि वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने पिछले साल वायदा कारोबार की वजह से कमोडिटी की कीमतों पर पड़ने वाले असर की जांच के लिए सेन समिति का गठन किया था।


मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में 50 से भी अधिक कमोडिटी का कारोबार किया जाता है। फारवर्ड मार्केट कमीशन के मुताबिक, 31 मार्च 20008 तक कुल 40.7 खरब रुपये का कारोबार किया गया, जोकि पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 13 फीसदी ज्यादा है। वायदा कारोबार पर प्रतिबंध नहीं लगाने की सेन समिति की सिफारिश पर मुंबई स्थित एमसीएक्स व एनसीडीईएक्स के कारोबारियों समेत देशभर के व्यापारियों ने खुशी जाहिर की है।

First Published - April 30, 2008 | 12:12 AM IST

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