मुनाफे की आस में बैठे टमाटर किसानों की आशाओं पर गिरती कीमतों ने पानी फेर दिया है। पिछले चार महीनों के दौरान देश के कई राज्यों में टमाटर की कीमतें 40 से 50 फीसदी गिरी है।
ऐसे में कीमतें और गिरने की संभावना के चलते थोक सब्जी मंडियों में टमाटर किसान बिक्री के लिए जमघट लगाए बैठे है। वहीं दूसरी ओर औने-पौने दामों में टमाटर को खरीदकर आढ़तिये भी माल बनाने की फिराक में हैं।
एपीएमसी (कृषि उत्पाद विपणन निगम) के विपणन पदाधिकारी राजेश सिंह बताते है कि इस बार मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और टमाटर के उत्पादन में 20 से 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। टमाटर की आवक में बढ़ोतरी होने और मांग में कमी के चलते ही कीमतों में 40 से 50 फीसदी तक की कमी आई है।
दिल्ली की आजादपुर सब्जी मंडी में टोमैटो ट्रेडर्स एसोसिएशन के सतीश गुप्ता बताते है कि ‘उत्पादन के चलते आवक बढ़ने से तो कीमतें प्रभावित हुई ही हैं, साथ में मंदी के चलते टोमैटो केचअप जैसे उत्पाद बनाने वाली कंपनियों की खरीद में 40 फीसदी तक की कमी है। वो तो शादी के दिनों के चलते टमाटर की खपत हो गई है वरना जो कीमतें किसानों को मिल रही है, वह भी हाथ नहीं लगती।’
फर्रुखाबाद के टमाटर किसान बंसीलाल बताते है कि ‘कीमतें गिरने की वजह से हमारा काफी मुनाफा मारा जाएगा। कई किसान तो कीमतों में बढ़ोतरी की आस के चलते टमाटर नहीं बेच रहें थे लेकिन कीमतों में आई गिरावट ने हालात को नाजुक कर दिया है। टमाटर की तो सरकारी खरीद भी नहीं होती है। ऐसे में टमाटर की कीमतों पर मोल-भाव और भी तेज हो गया है।’
वहीं अलीगढ़ में किसान जागरूकता मंच के मानद सदस्य हेमंत मौर्य बताते है कि ‘कीमतों के गिरने के बावजूद किसानों ने काफी मुनाफा निकाल ही लिया है। दिसंबर तक तो टमाटर किसानों को 30 से 35 फीसदी सीधा मुनाफा हो रहा था। लेकिन जनवरी के बाद से कीमतों में गिरावट आने से मुनाफा 5 से 10 फीसदी ही रह गया है। आगे भी कीमतों में गिरावट अगर जारी रहती है तो किसानों के लिए लागत निकालना भी मुश्किल हो जाएगा और हो सकता है टमाटर की अगली फसल में किसानों को काफी नुकसान भी उठाना पड़े।’
वहीं एपीएमसी पदाधिकारियों का मानना है कि आने वाली गर्मी में टमाटर का उत्पादन कम हो जाएगा ऐसे में जून के अंत तक टमाटर की कीमतों में फिर से बढ़ोतरी हो सकती है।
थोक मंडी में टमाटर की कीमतें (रुपये प्रति क्विंटल में)
राज्य मार्च दिंसबर
हरियाणा 500 1100
उत्तर प्रदेश 400 800
मध्य प्रदेश 250 1100
महाराष्ट्र 300 600
दिल्ली 400 600
स्त्रोत: कृषि मंत्रालय और एपीएमसी