facebookmetapixel
GST 2.0: छोटे कारोबारियों को 3 दिन में पंजीकरण, 90% रिफंड मिलेगा तुरंतSwiggy ऐप पर अब सिर्फ खाना नहीं, मिनटों में गिफ्ट भी मिलेगाGST कटौती के बाद छोटी कारें होंगी 9% तक सस्ती, मारुति-टाटा ने ग्राहकों को दिया फायदा48,000 करोड़ का राजस्व घाटा संभव, लेकिन उपभोग और GDP को मिल सकती है रफ्तारहाइब्रिड निवेश में Edelweiss की एंट्री, लॉन्च होगा पहला SIFएफपीआई ने किया आईटी और वित्त सेक्टर से पलायन, ऑटो सेक्टर में बढ़ी रौनकजिम में वर्कआउट के दौरान चोट, जानें हेल्थ पॉलिसी क्या कवर करती है और क्या नहींGST कटौती, दमदार GDP ग्रोथ के बावजूद क्यों नहीं दौड़ रहा बाजार? हाई वैल्यूएशन या कोई और है टेंशनउच्च विनिर्माण लागत सुधारों और व्यापार समझौतों से भारत के लाभ को कम कर सकती हैEditorial: बारिश से संकट — शहरों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के लिए तत्काल योजनाओं की आवश्यकता

Eggs Price: मुर्गी दाने के भाव बढ़े, अंडों के दाम में उबाल

Last Updated- January 25, 2023 | 11:35 PM IST
Egg Prices Hike

देश के ज्यादातर बाजारों में 1 अक्टूबर से लेकर बीते सप्ताह तक अंडे के दाम में 34 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। कारोबारियों और बाजार के सूत्रों के मुताबिक अंडे के दाम बढ़ने का मुख्य कारण सर्दी में मांग बढ़ना, मुर्गी दाने का दाम बढ़ना और अचानक से मलेशिया के निर्यात में उछाल आना है।

अक्टूबर से पहले कुछ समय तक अंडे के दाम में कुछ गिरावट आई थी। कारोबारियों के मुताबिक मुर्गी दाने के दाम से अंडे की कीमत निर्धारित होती रहेगी। वैसे गर्मियों में अंडे की कीमत में गिरावट आती है। पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के कोषाध्यक्ष रिकी थापर के मुताबिक, ‘मलेशिया का निर्यात बाजार खुलने के कारण मांग अच्छी है और मुर्गी दाने के दाम बढ़ने के कारण लागत भी बढ़ गई है। इससे फरवरी तक दाम मजबूत रहेंगे।’

कारोबारी सूत्रों के अनुसार 1 जनवरी के बाद से अब तक मलेशिया ने 5 करोड़ अंडों का ऑर्डर दिया। भारत आमतौर पर ओमान और सऊदी अरब को अंडे का निर्यात करता है लेकिन मलेशिया नए बाजार के रूप में उभरा है। मलेशिया के घरेलू बाजार में अंडों की कमी हो चुकी है। खबरों के अनुसार मलेशिया में छोटे निवेशक मुर्गी दाने की कीमत बढ़ने के कारण उत्पादन कम कर रहे हैं।

इससे मलेशिया में अंडों की कमी हो गई। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने कुछ हफ्ते पहले अपनी रिपोर्ट में बताया था कि वैश्विक स्तर पर भी अंडों की कमी हो गई थी। कई देशों में अत्यधिक रोगजनक ‘एवियन इन्फ्लूएंजा’ फैला। इसे आमतौर पर बर्ड फ्लू कहा जाता है। इससे कई देशों में अंडों की आपूर्ति पर असर पड़ा। इससे पोल्ट्री आयात करने वाले देशों ने कारोबार पर प्रतिबंध लगाए और पहले से ऊंचे खाद्य उत्पादों के दामों पर दबाव डाला।

यह भी पढ़ें: महंगाई से मिलेगी राहत ! कीमतों को काबू में रखने के लिए सरकार 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचेगी

नेशनल एग कॉर्डिनेशन कमेटी के संजीव चिंतावार ने कहा कि भारत में हर सप्ताह करीब 210 करोड़ अंडों का उत्पादन हुआ। इसमें से करीब एक करोड़ अंडों का निर्यात हुआ (5 करोड़ का ऑर्डर दिया गया)।

चिंतावार ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया,’इस मांग से मूल्य में मुश्किल से कोई फर्क पड़ेगा। मेरी समझ के अनुसार मुख्य कारण मुर्गी दाने के दामों में उछाल आना है।’उन्होंने कहा कि भारत में मुर्गीदाने में मुख्यतौर पर दो घटक मक्का और सोयामील थे। बीते कुछ वर्षों में इनके दाम बढ़े।

First Published - January 25, 2023 | 11:35 PM IST

संबंधित पोस्ट