भूजल स्तर में आ रही गिरावट के मद्देनजर फसलों के विविधीकरण पर जोर देते हुए आम आदमी पार्टी के एक सदस्य ने सोमवार को राज्यसभा में मांग की कि विभिन्न फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे में लाया जाना चाहिए और खेती के लिए ऐसी नीति बनाई जानी चाहिए जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान आम आदमी पार्टी के संत बलबीर सिंह ने किसानों से जुड़ा मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा कि अपनी कड़ी मेहनत से दूसरों का पेट भरने वाले किसान आज पूरी तरह बदहाल हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज की उचित लागत नहीं मिल पा रही है और वे कई फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य से वंचित हैं। सिंह ने कहा कि भूजल स्तर नीचे गिर जाने की वजह से किसानों के लिए फसल में बदलाव जरूरी है लेकिन कई फसलों पर उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं मिलता।
उन्होंने कहा कि एक ओर जहां चौतरफा परेशानियों से घिरा किसान आत्महत्या करता है वहीं दूसरी ओर खेती को घाटे वाला काम मान कर युवा रोजगार के लिए विदेश चले जाते हैं। आप सदस्य ने सरकार से मांग की कि खेती के लिए ठोस नीति बनाई जाए ताकि किसानों की समस्या हल हो, उसे उपज की उचित लागत मिले, उसे विभिन्न फसलों पर एमएसपी मिले, उसकी आर्थिक हालत सुधरे और वह खाद्य सुरक्षा में अधिक योगदान दे सके।
आम आदमी पार्टी के ही राघव चड्ढा ने पंजाब में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों में सुविधाओं का उन्नयन करने तथा उड़ानों की संख्या बढ़ने की मांग की। शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए चड्ढा ने कहा कि पंजाबी पूरी दुनिया में बसते हैं चाहे वह अमेरिका हो, ऑस्ट्रेलिया हो, कनाडा या न्यूजीलैंड हो। उन्होंने कहा ‘‘लेकिन इन देशों से पंजाब की अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी संतोषजनक नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि पंजाब में केवल दो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं, एक मोहाली में और दूसरा अमृतसर में।
उन्होंने कहा ‘‘दोनों केवल नाम के ही अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं।’’ चड्ढा ने पंजाब में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों में सुविधाओं का उन्नयन करने तथा उड़ानों की संख्या बढ़ने की मांग की।
वाईएसआरकांग्रेस के सदस्य वी विजय साई रेड्डी ने आंध्रप्रदेश के विशाखापट्नम में ड्रोन अनुसंधान केंद्र स्थापित किए जाने की मांग की। शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए रेड्डी ने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति में ड्रोन प्रौद्योगिकी अत्यंत महत्वपूर्ण खोज साबित हुई है और भारत को इसमें महारत हासिल है।
उन्होंने कहा कि इस प्रौद्योगिकी का रक्षा क्षेत्र से ले कर अन्य क्षेत्रों में उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में खेती का अहम स्थान है क्योंकि देश की 65 फीसदी आबादी किसी न किसी रूप में खेती पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि ड्रोन की मदद से किसान को बहुत लाभ हो सकता है। ‘‘इसकी मदद से कीटनाशकों का छिड़काव किया जा सकता है, नमी का आकलन किया जा सकता है, फसल की स्थिति का पता लगाया जा सकता है और अन्य कामों में भी यह सहायक हो सकते हैं।’’
उन्होंने मांग की कि ड्रोन प्रौद्योगिकी पर विशाखापट्टनम में एक एक्सीलेंट सेंटर खोला जाना चाहिए। रेड्डी ने कहा ‘‘ आंध्र प्रदेश में फल, सब्जी, धान बहुतायत में होता है तथा अब इस सूची में पाम ऑयल भी शामिल हो गया है अत: विशाखापट्नम में ड्रोन अनुसंधान केंद्र खोलना उचित होगा।’’ तृणमूल कांग्रेस की शांता छेत्री ने पर्वतीय क्षेत्र भत्ते का मुद्दा शून्यकाल में उठाया। उन्होंने कहा कि सिक्किम तथा पूर्वोत्तर के तटीय लोगों को यह भत्ता मिल रहा है लेकिन पहाड़ी क्षेत्र दार्जिलिंग और कलिंगपोंग के लोगों को यह नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि दार्जिलिंग और कलिंगपोंग के लोगों को भी पर्वतीय क्षेत्र भत्ता दिया जाना चाहिए।