भारत की तेल शोधन कंपनियों ने जुलाई में 219 लाख टन कच्चे तेल का शोधन किया है, जो जुलाई 2022 के 214.2 लाख टन की तुलना में 2.2 प्रतिशत ज्यादा है। पेट्रोलियम प्लानिंग ऐंड एनॉलिसिस सेल (पीपीएसी) द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों से यह पता चलता है। जून महीने की तुलना में जुलाई में तेल शोधन 1.7 प्रतिशत बढ़ा है।
आंकड़ों से पता चलता है कि इसमें में सरकार के तेल के सार्वजनिक उद्यमों (पीएसयू) और संयुक्त उद्यमों से 147 लाख टन शोधन हुआ है, जबकि निजी क्षेत्र के तेल शोधकों ने 72 लाख टन तेलशोधन किया है। जुलाई महीने में घरेलू कच्चे तेल का उत्पादन पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 2.1 प्रतिशत बढ़कर 25 लाख टन हो गया है।
वहीं पिछले महीने जून के 24.3 लाख टन की तुलना में उत्पादन में 2.8 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। 25 लाख टन में से सरकारी कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने 16.2 लाख टन उत्पादन किया है, उसके बाद ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) ने 2.8 लाख टन उत्पादन किया।
पिछले साल की समान अवधि की तुलना में जुलाई महीने में कच्चे तेल का आय़ात 6.3 प्रतिशत घटकर 193.2 लाख टन गया है। चालू वित्त वर्ष के शुरुआती 4 महीनों में कच्चे तेल के आयात की मात्रा कुल मिलाकर 2.3 प्रतिशत कम हुई है।
इस अवधि के दौरान पेट्रोलियम निर्यातकों के संगठन ओपेक से कच्चे तेल का आयात की हिस्सेदारी कुल आयात में घटकर 45 प्रतिशत रह गई है, जो पिछले साल की समान अवधि में 63.8 प्रतिशत थी। लंदन की कमोडिटी डेटा एनॉलिस्ट प्रोवाइडर वोर्टेक्सा ने अनुमान लगाया है जुलाई में लगातार दसवें महीने रूस कच्चे तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बनकर उभरा है।