केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा है कि उसे 342 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य हासिल होने का भरोसा है। सरकार ने यह भी कहा है कि पंजाब और हरियाणा में बेमौसम बारिश से फसल को हुए नुकसान को देखते हुए गुणवत्ता मानकों में ढील देने पर जल्द फैसला किया जाएगा।
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि जून में समाप्त होने वाले फसल वर्ष 2022-23 में गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 1122 लाख टन रहेगा, भले ही देश के कुछ इलाकों में बारिश की वजह से अनाज की गुणवत्ता खराब हुई है।
सचिव ने यह भी कहा कि फोर्टीफाइड चावल का वितरण इस समय सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से 269 जिलों में किया जा रहा है। मार्च 2024 अंतिम तिथि के बहुत पहले शेष जिलों भी इस योजना को शुरू कर दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 के स्वतंत्रता दिवस के भाषण में कहा था कि सरकार 2024 तक सरकारी योजनाओं के माध्यम से फोर्टीफाइड चावल का वितरण करेगी। उसके बाद फोर्टीफाइड चावल के वितरण की योजना अक्टूबर 2021 में चरणबद्ध तरीके से शुरू की गई, जिसमें आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी-12 जैसे माइक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं। इससे बच्चों व महिलाओं की एनिमिया की समस्या दूर होती है।
गेहूं के बारे में सचिव ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में बेमौसम बारिश के कारण हुए नुकसान की भरपाई अन्य गेहूं उत्पादक राज्यों से हो सकती है क्योंकि कम तापमान के कारण गेहूं का उत्पादन बेहतर रहने की उम्मीद है।
चोपड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश में गेहूं खरीद के गुणवत्ता मानकों में पहले ही ढील दे दी है, जिससे मौसम की मार से किसानों को नुकसान न हो और उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिल सके।
पंजाब के 16 जिलों और हरियाणा के कुछ इलाकों में फसल खराब होने की सूचना है, लेकिन क्षति की असल मात्रा का अंतिम अनुमान नहीं मिल पाया है। बहरहाल उत्पादन कुछ कम रहने का अनुमान है।