दक्षिणी राज्यों में कम वर्षा के चलते दिल्ली की मंडियों में नारियल की आवक इस बार पिछले साल से 20 से 25 फीसदी ज्यादा रही है।
आजादपुर मंडी में कोलकाता से आए नारियल किसान रामादुरई ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि नारियल की अच्छी पैदावार के लिए वर्षा की संतुलित मात्रा जरुरी होती है। इसलिए इस साल सतुंलित मात्रा में पानी बरसने के कारण दक्षिणी राज्यों में नारियल की पैदावार अच्छी हुई है।
आजादपुर मंडी में नारियल के थोक विक्रेताओं ने बताया कि नारियल की रोजाना 5 से 6 गाड़ियां केरल और पश्चिम बंगाल से आ रही है। प्रत्येक गाड़ी में लगभग 8 से 10 हजार नारियल दाना आ रहा है। एबीसी फ्रूट कंपनी के अजय कहते है वैसे तो मंडी में नारियल की आवक बारहमास रहती है। लेकिन इस समय कुछ बढ़ जाती है।
पिछले साल की तुलना में इस साल मंडी में नारियल की लगभग दो से तीन गाड़ियां ज्यादा आ रही हैं। नारियल की कीमतों के बारे में पूछने पर फल विक्रेताओं ने बताया कि मंडी में नारियल 1000-1200 रुपये सैकड़े के हिसाब से मिल रहा है।
कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) के आंकड़ों के हिसाब से दिल्ली के बाहर के राज्यों में नारियल की कीमतों में काफी विविधता है। अच्छी पैदावार के चलते बढ़िया आवक होने से गोवा में नारियल की कीमतें पिछले महीने की तुलना में 60 फीसदी तक गिर गई है। जबकि महाराष्ट्र और राजस्थान में नारियल की कीमतें स्थायी बनी हुई है।