चीन कम के कम तीन दशकों में पहली बार भारत से चावल का आयात शुरू करने जा रहा है। उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि थाईलैंड, म्यांमार और वियतनाम से आपूर्ति कम होने और भारत से चावल की आपूर्ति में भारी छूट के कारण चीन यह कदम उठाने जा रहा है।
भारत विश्व में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है और चीन इसका सबसे बड़ा आयातक देश है। चीन साल में करीब 40 लाख टन चावल की खरीद करता है लेकिन गुणवत्ता का मुद्दा उठाकर वह भारत से खरीद करने से परहेज करता है।
हिमालय क्षेत्र में दोनों देशों के बीच तनाव के बावजूद चीन की ओर से चावल आयात का सौदा हुआ। जून में दोनों देशों के बीच हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिकों की जान चली गई थी।
इसके बाद से भारत ने चीन से होने वाले निवेश के नियमों को सख्त कर दिया है और दर्जनों चीनी मोबाइल ऐप को प्रतिबंधित कर दिया है जिसमें तकनीक की दिग्गज कंपनी टेनसेंट, अलीबाबा और बाइटडांस के ऐप भी शामिल हैं।
राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बी वी कृष्णा राव ने आज रॉयटर्स से कहा, ‘चीन ने पहली बार हमसे चावल खरीद की है। भारतीय फसल की गुणवत्ता को देखते हुए वह अगले वर्ष से खरीद बढ़ा सकता है।’ उद्योग के अधिकारयों ने कहा कि भारतीय व्यापारियों को दिसंबर-फरवरी खेप के लिए 1,00,000 टन टूटे हुए चावल के निर्यात का ठेका मिला है। यह आपूर्ति करीब 300 डॉलर प्रति टन की दर से जहाज पर निशुल्क आधार पर करनी है।
