केंद्र सरकार ने कपास किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कपास खरीदने की तैयारी कर ली है। अगले महीने से एमएसपी पर कपास की खरीद शुरू होने जा रही है। सरकार ने बिना किसी बाधा के कपास की खरीद करने के लिए इस खरीद सीजन में रिकॉर्ड खरीद केंद्र खोले हैं। सरकार ने पंजीकरण और स्लॉट बुकिंग को आसान बनाने के लिए डिजिटल प्लेटफार्म की सुविधा दी है।
केंद्रीय मंत्री कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को खरीफ सीजन 2025-26 के लिए कपास की एमएसपी पर खरीद की तैयारियों की समीक्षा की थी। वस्त्र मंत्रालय द्वारा आज जारी बयान में कहा गया कि इस बैठक का उद्देश्य आगामी खरीफ विपणन सीजन 2025-26 के दौरान कपास की एमएसपी खरीद संचालन की तैयारियों का आकलन करना था। बैठक में गिरिराज सिंह ने कपास किसानों के कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए आश्वासन दिया कि एमएसपी दिशा-निर्देशों के तहत आने वाले सभी कपास की खरीद, बिना किसी व्यवधान के की जाएगी। साथ ही समय पर, पारदर्शी तथा किसान-केंद्रित सेवा वितरण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। कपास की एमएसपी पर खरीद के लिए सरकार ने चालू खरीफ विपणन सीजन में रिकॉर्ड 550 कपास खरीद केंद्र खोले हैं। पिछले सीजन में इन खरीद केंद्रों की संख्या 508 थी।
केंद्रीय नोडल एजेंसी भारतीय कपास निगम (सीसीआई) कपास के बाजार मूल्य एमएसपी से नीचे आने पर कपास की खरीद करती है। इस साल कपास की सरकारी खरीद अगले महीने से शुरू होने वाली है। एमएसपी के तहत कपास की खरीद उत्तरी राज्यों में 1 अक्टूबर, मध्य राज्यों में 15 अक्टूबर और दक्षिणी राज्यों में 21 अक्टूबर 2025 से शुरू होगी। सीसीआई ने पिछले कपास सीजन 2024-25 के दौरान एमएसपी पर कपास की 100.16 लाख गांठें खरीदीं, जो 294.25 लाख गांठों के कुल अनुमानित कपास उत्पादन का 34.04 फीसदी थी। एमएसपी पर कपास की सरकारी खरीद से 20.77 लाख कपास किसान लाभान्वित हुए और उन्हें 37,436.73 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था।
केंद्रीय मंत्री सिंह ने कहा कि सरकार के डिजिटल इंडिया विजन के अनुरूप सीसीआई द्वारा कपास की खरीद से लेकर स्टॉक की बिक्री तक की सभी प्रक्रियाएं अब पूरी तरह से फेसलेस और पेपरलेस हैं। पहली बार कपास की खेती के क्षेत्र, एपीएमसी यार्डों की उपलब्धता और कपास खरीद केंद्र पर कम से कम एक स्टॉक प्रसंस्करण कारखाने की उपलब्धता जैसे प्रमुख मापदंडों को ध्यान में रखते हुए खरीद केंद्रों की स्थापना के लिए एक समान मानदंड निर्धारित किए गए हैं। इस सीजन से नए लॉन्च किए गए ‘कपास-किसान’ मोबाइल ऐप के माध्यम से देश भर में कपास किसानों का आधार-आधारित स्व-पंजीकरण और 7 दिवसीय स्लॉट बुकिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म का उद्देश्य खरीद कार्यों को सुव्यवस्थित करना, पारदर्शिता सुनिश्चित करना और राष्ट्रीय स्वचालित समाशोधन गृह (एनएसीएच) के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में सीधे आधार-आधारित भुगतान को साकार करना है। पिछले साल शुरू की गई एसएमएस-आधारित भुगतान सूचना सेवा भी जारी रहेगी।
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि जमीनी स्तर पर सहायता बढ़ाने और राज्यों द्वारा तत्काल शिकायत निवारण के लिए प्रत्येक एपीएमसी मंडी में स्थानीय निगरानी समितियां (एलएमसी) गठित की जाएंगी। इसके अतिरिक्त, समर्पित राज्य-स्तरीय हेल्पलाइन और एक केंद्रीय सीसीआई हेल्पलाइन पूरी खरीद अवधि के दौरान सक्रिय रहेगी। कपास सीजन शुरू होने से पहले पर्याप्त मैनपावर की तैनाती, लॉजिस्टिक सहायता और अन्य बुनियादी ढांचे की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।