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100% Fruit Juice Claim Case: खाद्य कारोबारियों को मौजूदा प्री-प्रिंटेड पैकेजिंग सामग्री समाप्त करने को मिली और मोहलत

FSSAI ने गहन जांच के बाद निष्कर्ष निकाला है कि खाद्य सुरक्षा और मानक (विज्ञापन और दावे) विनियम, 2018 के अनुसार, 'शत-प्रतिशत' दावा करने का कोई प्रावधान नहीं है।

Last Updated- August 20, 2024 | 5:34 PM IST
100% fruit juice claims case: Food businesses get more time to phase out existing pre-printed packaging material100% fruit juice claims case: Food businesses get more time to phase out existing pre-printed packaging material 100 फीसदी फलों का जूस दावा मामला: खाद्य कारोबारियों को मौजूदा प्री-प्रिंटेड पैकेजिंग सामग्री समाप्त करने को मिली और मोहलत

100% Fruit Juice Claim Case: खाद्य कारोबारियों को 100 फीसदी फल जूस दावा मामले में पहले छप चुकी सभी पैकेजिंग सामग्री (all existing pre-printed packaging material) समाप्त करने के लिए और मोहलत मिल गई है। इन कारोबारियों को इसी साल फलों के जूस के लेबल और विज्ञापनों से ‘100 फीसदी फलों के जूस’ के दावे को हटाने के निर्देश दिए गए थे।

खाद्य कारोबारियों पहले छप चुकी पैकेजिंग सामग्री कब तक हटाने की मिली मोहलत?

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने खाद्य कारोबारियों यानी खाद्य व्यवसाय संचालकों (FBO) को पहले छप चुकी पैकेजिंग सामग्री को समाप्त करने के संबंध में एक निर्देश जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि सभी FBO को फलों के जूस के लेबल और विज्ञापनों से ‘100 फीसदी फलों के जूस’ के किसी भी दावे को हटाने के निर्देश देते समय पहले छप चुकी सभी पैकेजिंग सामग्री को 31 अगस्त, 2024 तक समाप्त करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन इस मामले में सभी हितधारकों से मिले सुझावों के आधार पर खाद्य कारोबारियों को राहत देने के लिए और मोहलत दी जा रही है। अब खाद्य कारोबारी पहले छप चुकी सभी पैकेजिंग सामग्री को 31 अगस्त की बजाय 31 दिसंबर, 2024 तक समाप्त कर सकते हैं।

100 फीसदी फसलों के जूस के दावे पर कब लगी थी रोक?

FSSAI ने इस साल 3 जून को एक निर्देश जारी कर सभी खाद्य व्यवसाय संचालकों को फल जूस के लेबल और विज्ञापनों से ‘100 फीसदी फलों के जूस’ के किसी भी दावे को तत्काल प्रभाव से हटाने का निर्देश दिया था। यह निर्देश FSSAI को यह पता चलने के बाद दिया गया था कि कई FBO गलत तरीके से विभिन्न प्रकार के फलों के जूस (रिकंस्टीट्यूटेड फ्रूट जूस) को लेकर यह दावा करते हुए कि वे 100 फीसदी फलों के जूस हैं की मार्केटिंग कर रहे हैं।

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FSSAI ने गहन जांच के बाद निष्कर्ष निकाला है कि खाद्य सुरक्षा और मानक (विज्ञापन और दावे) विनियम, 2018 के अनुसार, ‘शत-प्रतिशत’ दावा करने का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे दावे भ्रामक हैं, खासकर उन परिस्थितियों में जहां फलों के जूस का मुख्य घटक पानी है और प्राथमिक घटक, जिसके लिए दावा किया जाता है, केवल लिमिटेड concentrations में मौजूद है या जब फलों के जूस को पानी और फलों के गूदे का उपयोग करके तैयार किया जाता है।

First Published - August 20, 2024 | 5:34 PM IST

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