Union Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपने बजट भाषण में नई पीढ़ी के सुधारों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग की जरूरत पर जोर दिया। इन सुधारों में भूमि, श्रम, पूंजी और उद्यमशीलता (land, labour, capital and entrepreneurship ) मुख्य रूप से शामिल हैं। वित्त वर्ष 2024-25 के बजट अनुमान के अनुसार जहां तक राजस्व हिस्सेदारी (revenue share) की बात है तो सरकार इस वित्त वर्ष के दौरान राज्यों के साथ केंद्रीय टैक्स का लगभग 32.5 प्रतिशत साझा कर सकती है जबकि 15वें वित्त आयोग (15th Finance Commission) ने 41 प्रतिशत की सिफारिश की है।
वित्त वर्ष 2023-24 के अस्थायी अनुमान (provisional estimates for FY 2023-24 ) भी केंद्रीय टैक्स में राज्यों की इतनी ही हिस्सेदारी- 32.6 प्रतिशत दर्शाते हैं। हालांकि संपूर्ण तौर पर 11.3 लाख करोड़ रुपये की राशि के अस्थायी प्रावधान की तुलना में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट अनुमान में राज्यों को हस्तांतरित राशि में 12.5 लाख करोड़ रुपये रही जो मामूली वृद्धि है। 1 फरवरी को घो षित अंतरिम बजट की तुलना में राज्यों को दी गई रा शि 12.2 लाख करोड़ रुपये से थोड़ी ही अ धिक है।
जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद 15वें वित्त आयोग की अंतिम रिपोर्ट में राज्यों को 41 प्रतिशत स्थानांतरित करने का सुझाव दिया गया। हालांकि केंद्र द्वारा लगाए गए उपकर (cess) और अधिभार (surcharge) के कारण राज्यों का हिस्सा कम रहा क्योंकि इन्हें राज्यों के साथ साझा नहीं किया जाता है। राज्य अक्सर वित्त आयोग की सिफारिशों की तुलना में कम हस्तांतरण की शिकायत करते रहे हैं।
केंद्र महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, जल जीवन मिशन (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Scheme, Jal Jeevan Mission) आदि जैसी कई केंद्र प्रायोजित योजनाओं के जरिये भी राज्यों को अन्य पूंजी स्थानांतरित करेगा। वित्त वर्ष 2025 में केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए राज्यों को हस्तांतरण लगभग 5 लाख करोड़ रुपये है जो वित्त वर्ष 2024 के वास्तविक आंकड़ों से 9.8 प्रतिशत कम है।
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार रोजगार अवसर सुगम बनाने और मजबूत विकास रफ्तार बनाए रखने की उम्मीद के साथ एक इकोनॉमिक पॉलिसी फ्रेमवर्क तैयार करेगी। केंद्र सरकार उत्पादन सुधारने और बाजारों तथा क्षेत्रों को ज्यादा सक्षम बनाने के लिए सुधारों की शुरुआत करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने और सुधारों के तेज कार्यान्वयन के लिए राज्यों को प्रोत्साहित करने के लिए मैंने 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा तय करने का प्रस्ताव रखा है।’
अपने अंतरिम बजट भाषण में वित्त मंत्री ने घोषणा की थी कि राज्यों को पूंजीगत खर्च (Capital Expenditure) के लिए 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण (interest free loan) की योजना वित्त वर्ष 2025 में भी जारी रहेगी, जिसका कुल खर्च 1.3 लाख करोड़ रुपये होगा। राज्यों को यह तय करने का अधिकार होगा कि वे इस फंड का अ धिकतर हिस्सा कैसे खर्च करेंगे।
राज्यों को उचित वित्तीय सहायता के माध्यम से अगले तीन वर्षों के भीतर ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में भूमि-संबंधी सुधार और कार्यवाहियां पूरी करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या का आवंटन और भूमि रजिस्ट्री की स्थापना ग्रामीण क्षेत्रों में उठाए जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण कदम हैं।
सीतारमण ने कहा कि सरकार ई-श्रम पोर्टल को अन्य पोर्टलों के साथ जोड़ेगी और रोजगार एवं कौशल के लिए एक मंच पर समाधान मुहैया कराने की राह आसान बनाएगी।