कैबिनेट ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के कर्मचारियों के वेतन में औसतन 67 फीसदी बढ़ोतरी को हरी झंडी दो दिखा दी।
लेकिन कंपनियों के लिए इसका भार सहन करना मुश्किल ही लगता है। सूत्रों का कहना है कि वित्तीय रूप से सुदृढ़ एक तिहाई पीएसयू ही अपने कर्मचारियों के बढ़े हुए वेतन का भुगतान करने में सक्षम हो पाएंगी।
सरकारी स्वामित्व वाली दवा निर्माता कंपनियों को ही लें, उनका कहना है कि अभी तो वे मुनाफे में हैं, लेकिन नए वेतनमान लागू करने से ये कंपनियां घाटे में चली जाएंगी। हैवी इंडस्ट्रीज के सचिव आर. बंद्योपाध्याय का कहना है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कुल 244 कंपनियों में से 151 कंपनियां ही मुनाफा कमा रही हैं।
यही नहीं, मुनाफे वाली 151 कंपनियों में से केवल 76 कंपनियां ही बढ़े हुए वेतन के भार को वहन करने में सक्षम हो पाएंगी। बाकी कंपनियां वेतन वृद्धि योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू करेंगी।
बंद्योपाध्याय का कहना है कि घाटे में चल रहीं 93 कंपनियां फिलहाल वेतन वृद्धि को लागू नहीं करेंगी। उनका कहना है कि ये कंपनियां अपने कर्मचारियों के वेतन में तभी वृद्धि करेंगी, जब वे मुनाफा कमाने लगेंगी।
सरकारी स्वामित्व वाली छोटी कंपनियों को इस बात का भय सता रहा है कि अगर वे अपने कर्मचारियों को बढ़े हुए वेतन का भुगतान नहीं करती हैं, तो कर्मचारी विद्रोह कर सकते हैं।
राजस्थान ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आर. के. वशिष्ठ का कहना है कि संशोधित वेतनमान को लागू करना कठिन होगा।
मौजूदा समय में कंपनी अपने कुल कारोबार का 12 से 13 फीसदी वेतन मद में खर्च करती है। अगर संशोधित वेतनमान को लागू किया गया, तो वेतन पर कंपनी का खर्च 20 फीसदी हो जाएगा, जो हमारी क्षमता से बाहर की बात है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर कंपनी ऐसा नहीं करती है, तो कर्मचारियों में असंतोष की भावना पैदा होगी।
भारत संचार निगम लिमिटेड जैसी बड़ी कंपनियों को भी नया वेतनमान और एरियर के भुगतान में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। कंपनी को कुल कारोबार का 25 फीसदी वेतनमद में खर्च करना पड़ेगा। यही वजह है कि कंपनी अपने करीब 3 लाख कर्मचारियों को एरियर का भुगतान नहीं करने की योजना बना रही है।
ओएनजीसी और आईओसी जैसी तेल कंपनियां अपने कर्मचारियों को बढ़े हुए वेतन का भुगतान करेंगी। इसके लिए ओएनजीसी ने सितंबर 2008 की तिमाही के लिए बढ़े हुए वेतन के लिए 218 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं, जो इस दौरान दिए गए कुल वेतन का 79 फीसदी है।
आईओसी ने अप्रैल-सितंबर के लिए संशोधित वेतनमान के लिए 1,073.9 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। ओएनजीसी के अधिकारियों का कहना है कि संशोधित वेतनमान के तहत एरियर भुगातन में कंपनी को कोई परेशानी नहीं आएगी, लेकिन बढे हुए वेतन के भुगतान को लेकर कंपनी को कुछ परेशानी आ सकती है।
हरी-हरी नहीं हकीकत
कुल पीएसयू की संख्या
244
मुनाफे वाली कंपनियां
151
भार वहन करने में सक्षम
76
घाटे में चल रही कंपनियां
93