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अंतरिम बजट में रेल मंत्री ने राजनीतिक रणभूमि का रखा पूरा खयाल

Last Updated- December 10, 2022 | 1:01 AM IST

रेल मंत्री लालू प्रसाद ने वैसा ही किया, जैसा कि एक सधे हुए राजनीतिज्ञ से उम्मीद की जा सकती है। बिहार और झारखंड की राजनीति करने वाले लालू प्रसाद ने बजट भाषण में ज्यादा समय इन राज्यों में किए गए कार्यों पर ही लगाया।
रेल लाइनों के दोहरीकरण की घोषणा करते समय उन्होंने कहा कि बिहारीगंज फाारबिसगंज वाया मुरलीगंज, कुमारखंड, छातापुर, मार्ग तथा मधेपुरा, वीरपुर वाया सिंहेश्वर, पिपरा, त्रिवेणीगंज और बिहारीगंज नौगछिया वाया उदाकिशनगंज पुरेनी, चौसा, मार्गों पर आमान परिवर्तन और दोहरीकरण की घोषणा की।
ये वही इलाके हैं, जो लालू प्रसाद के संसदीय क्षेत्र मधेपुरा के आसपास आते हैं और इस साल बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए थे। नई रेलगाड़ियों की घोषणा के आधार पर अगर प्रधानमंत्री चुना जाना हो तो लालू प्रसाद वहां अव्वल साबित होंगे। 2009 के अंतरिम बजट में उन्होंने 41 नई रेलगाड़ियों की घोषणा की, जिनमें से ज्यादातर बिहार के जिलों को छूकर गुजरती हैं। 
41 में से 17 रेलगाड़ियां बिहार झारखंड के लिए हैं, जिसमें 3 नई गरीब रथ, एक शताब्दी एक्सप्रेस के फेरे बढ़े और एक जनशताब्दी एक्सप्रेस चलाई गई, जो प्रतिदिन रांची से पटना के बीच चलेगी। अजमेर भागलपुर वाया दिल्ली गरीब रथ एक्सप्रेस सप्ताह में दो बार, जम्मूतवी-दरभंगा गरीब रथ और सीतामढ़ी-दिल्ली गरीब रथ सप्ताह में एक बार चलेगी।
दो राजधानी एक्सप्रेस ऐसी हैं, जो बिहार के शहरों से होकर गुजरेंगी। इनमें नई दिल्ली गौहाटी राजधानी एक्सप्रेस, भागलपुर होकर और नई दिल्ली-गौहाटी राजधानी एक्सप्रेस मुजफ्फरपुर होकर जाने वाली है।
अन्य रेलें जो बिहार और झारखंड से होकर गुजरेंगी, उनमें  सप्ताह में तीन दिन चलने वाली रांची-जयनगर एक्सप्रेस और तीन साप्ताहिक रेलें- छत्रपति शाहू टर्मिनल-धनबाद लिंक सर्विस, सहरसा-दिल्ली एक्सप्रेस पटना होकर और हाबड़ा-दिल्ली लिंक सेवा, अजीमगंज और भागलपुर होकर गुजरेगी।
इसके अलावा जमालपुर गया पैसेंजर, सीतामढ़ी पटना लिंक सर्विस, हाजीपुर-बगहा लिंक सर्विस और झज्झर-पटना रेल शामिल है। जिन 14 रेलों का विस्तार किया गया है, उनमें से 5 रेलें अब बिहार तक आएंगी।
बिहार के दैनिक यात्रियों की परेशानियों पर ‘खास’ ध्यान देते हुए रेलमंत्री लालू प्रसाद ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में चलने वाली करीब 12 लोकल ट्रेनों में डिब्बों की संख्या को 12 से बढ़ाकर 16 करने की घोषणा की।
रेलमंत्री ने बताया कि गया पटना झाझा, पटना बक्सर पटना, मुगलसराय पटना, आरा पटना तथा मोकामा दानापुर रेलमार्ग पर चलने वाली लोकल एमईएमयू (मेमू) गाड़ियों में भारी भीड़ रहती है। वर्तमान में ऐसी अधिकांश गाड़ियां 12 डिब्बे वाली हैं। ऐसी 18 में से मात्र छह सेवाएं ही 16 डिब्बों वाली हैं।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने मार्च अप्रैल 2009 के अंत तक इन सभी मार्गों की प्रत्येक सेवा के लिए 16 डिब्बे वाली एमईएमयू गाड़ियां उपलब्ध कराने का फैसला किया है। इससे लोकल गाड़ियों में चलने वाले यात्रियों को सुविधा मिलेगी।
इसके अलावा लालू प्रसाद ने मधेपुरा में प्रस्तावित रेल इंजन कारखाने का भी जिक्र कर डाला, जिसकी घोषणा पिछले बजट में की गई थी। उन्होंने कहा कि मार्च से इस पर काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने बिहार के सारन जिले के महरौरा में डीजल इंजन कारखाना बनाए जाने के काम को भी याद दिलाया और कहा कि मार्च 2009 से वहां भी काम शुरू हो जाएगा। 
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि छपरा में रेल चक्का बनाने का कारखाना पहले ही शुरू हो चुका है। उन्होंने पटना और दिल्ली के बीच बुलेट ट्रेन चलाए जाने का व्यवहार्यता अध्ययन कराने और भागलपुर में नए रेल डिवीजन बनाने की भी घोषणा की।
उसके साथ मोकामा और मुजफ्फरपुर स्थित भारत वैगन लिमिटेड को भी इस साल रेल मंत्रालय में शामिल कर लिया गया। ऐसा नहीं है कि रेल मंत्री ने केवल बिहार के बारे में ही सोचा। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत कम होने का फायदा उठाते हुए उन्होंने यात्री किराए में कमी की घोषणा कर दी।
हालांकि कमी किए जाने का लाभ मालभाड़ा पर नहीं पड़ा। पिछले महीने रेलवे ने जिंसों की ढुलाई का भाड़ा बढ़ा दिया था। शायद लालू प्रसाद ने इसमें कमी करने की घोषणा इसलिए नहीं की, क्योंकि इसका सीधा प्रभाव मतदाताओं पर नहीं पड़ता है। उन्होंने दक्षिण भारत और पश्चिम बंगाल के लिए रेलगाड़ियां चलाने भी घोषणाएं की हैं।
साप्ताहिक गाड़ियों में बिलासपुर-तिरुनेलवेली वाया तिरुवंतपुरम एक्सप्रेस, भोपाल-लखनऊ गरीब रथ, दुर्ग-जयपुर एक्सप्रेस, डिब्रूगढ़ टाउन-छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस, गांधीधाम-कोलकाता सुपरफास्ट और मुंबई जोधपुर एक्सप्रेस शामिल हैं।
लालू प्रसाद ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए अपने पूर्व के रेलमंत्री और बिहारी प्रतिद्वदी नीतीश कुमार पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि नीतीश के कार्यकाल में अधिकतम 10 नई रेलें चलाने की घोषणा की गई थी। अब आने वाले आम चुनाव में ही तय होगा कि उनकी महत्वाकांक्षी योजना को देश की जनता कितना समर्थन देती है।
अंतरिम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेता शाहनवाज हुसेन ने कहा कि ‘इसमें कोई संदेह ही नहीं है कि यह राजनीतिक बजट है- रेलमंत्री ने न केवल अपनी पीठ थपथपाई, बल्कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की जमकर प्रशंसा करके अपना नंबर बढ़वाने की कोशिश की।’ 

चुनावी गणित

नई रेलगाड़ियों की घोषणा के आधार पर अगर प्रधानमंत्री चुना जाना हो तो लालू प्रसाद वहां अव्वल साबित होंगे। 2009 के अंतरिम बजट में उन्होंने 41 नई रेलगाड़ियों की घोषणा की, जिनमें से ज्यादातर बिहार के जिलों को छूकर गुजरेंगी।  41 में से 17 रेलगाड़ियां बिहार व झारखंड के लिए हैं

First Published - February 13, 2009 | 10:19 PM IST

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