Rail Budget: 25 फरवरी, 2016 को तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने आखिरी बार भारत का रेल बजट पेश किया था और उसे आमलोगों की आकांक्षाओं का बजट बताया था। साल 2017-18 में 92 साल पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए केंद्र सरकार ने पूर्ण बजट में ही रेलवे के बजट को भी शामिल कर दिया। तब से साल 2024-25 तक शायद ही किसी बजट भाषण में भारतीय रेलवे का जिक्र किया गया हो।
मगर राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर (रेलवे) के साल 2024-25 के केंद्रीय बजट में पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) में 2 फीसदी की मामूली वृद्धि हुई है जो साल 2023-24 के संशोधित अनुमान 2.6 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर साल 2024-25 में रिकॉर्ड 2.65 लाख करोड़ रुपये हो गई। पूंजीगत खर्च का बड़ा हिस्सा सरकारी बजट समर्थन अथवा सामान्य राजस्व से मिला। यह पिछले बजट के संशोधित अनुमान 2.4 लाख करोड़ रुपये से 5 फीसदी बढ़कर 2.52 लाख करोड़ रुपये हो गया।
पूंजीगत खर्च में अतिरिक्त बजटीय संसाधन (extra budgetary resources) के तौर पर 10 हजार करोड़ रुपये, आंतरिक स्रोतों (internal resources) से 3 हजार करोड़ रुपये और निर्भया कोष (Nirbhaya Fund) से 200 करोड़ रुपये मिले। रेलवे की आर्थिक स्थिति का बड़ा पैमाना इसका परिचालन अनुपात (operating ratio) है। मौजूदा वित्त वर्ष के लिए इसका लक्ष्य 98.22 फीसदी था। साल 2023-24 में संशोधित अनुमानों के मुताबिक 98.65 फीसदी था। इसका मतलब हुआ कि रेलवे अपनी हर 100 रुपये की कमाई पर 98.22 रुपये खर्च करेगा।
मंगलवार को पत्रकारों से केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘पूंजीगत निवेश (आंतरिक स्रोतों के अलावा) के लिए रिकॉर्ड 2.62 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। साल 2014 में यह 35 हजार करोड़ रुपये होता था।’ उन्होंने कहा कि इसका एक बड़ा हिस्सा सुरक्षा कार्यों के लिए है और 1.08 लाख करोड़ रुपये कवच, पुरानी पटरियों की मरम्मत और रखरखाव आदि पर खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘कुल राशि का एक बड़ा हिस्सा कवच पर इस साल खर्च किया जाएगा। दो दिन पहले ही कवच 4.0 को मंजूरी दी गई है और यह विविध रेल नेटवर्क की मदद करेगा।’
बजट अनुमान 2024-25 में रेलवे का शुद्ध राजस्व व्यय (net revenue expenditure of Railways ) 2.79 लाख करोड़ रुपये था, जो 2023-24 के संशोधित अनुमानों में 2.59 लाख करोड़ रुपये था। वित्त मंत्री द्वारा आंध्र प्रदेश के लिए विकास निधि की घोषणा करने के दौरान सिर्फ एक बार ही रेलवे का उल्लेख किया गया। यात्री, माल, अन्य कोचिंग, विविध अन्य मदों और रेलवे भर्ती बोर्डों से शामिल राजस्व से रेलवे की कुल प्राप्तियां बजट अनुमान 2024-25 में 2.79 लाख करोड़ रुपये रहीं जो 2023-24 के संशोधित अनुमानों में 2.59 लाख करोड़ रुपये थीं।
सामान्य डिब्बों के यात्रियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए रेलवे 10 हजार गैर वातानुकूलित अतिरिक्त डिब्बों (extra non-air-conditioned coaches) का निर्माण करेगा। उन्होंने कहा, ‘रेलवे कम आय वाला परिवहन है। जनरल डिब्बों और AC डिब्बों का अनुपात हमेशा एक जैसा ही रहा है। सामान्य यात्रा की मांग 7 अरब तक बढ़ी है। हमने फैसला किया है कि 10 हजार अतिरिक्त गैर वातानुकूलित डिब्बों का निर्माण किया जाए जिसका प्रावधान इस बार बजट में किया गया है।’
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के सीनियर डायरेक्टर और ग्लोबल हेड, कंसल्टिंग (ट्रांसपोर्ट लॉजिस्टिक मोबिलिटी) जगननारायण पद्मनाभन ने कहा, ‘रेलवे के संबंध में, बजट का ध्यान कार्यान्वयन पर रहा है, फिर परिव्यय में वृद्धि (increased outlay) की गई है, जैसा कि उम्मीद भी थी। अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे (Amritsar-Kolkata Industrial Corridor/ AKIC) के साथ नोड के निर्माण से पूर्वी समर्पित माल गलियारे को मध्यम अवधि में अतिरिक्त कार्गो जुटाने में मदद मिलेगी। जबकि कर्मचारियों के लिए खर्च बढ़ रहा है, विद्युतीकरण के लिए ईंधन खर्च में कमी आ रही है।’