इस साल के केंद्रीय बजट के में सीमा शुल्क (Custom Duty) बढ़ाए जाने से महंगी आयातित कारों की कीमत बढ़ जाएगी, वहीं उद्योग को उम्मीद है कि इससे मांग पर बहुत ज्यादा असर की संभावना नहीं है। लक्जरी कार निर्माताओं का मानना है कि इस कदम से ज्यादा बिकने वाले मॉडलों पर असर नहीं पड़ेगा।
केंद्रीय बजट 2023-24 में कंप्लीट बिल्ट अप (सीबीयू) वाहनों पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया है, जिनकी कॉस्ट इंश्योरेंस ऐंड फ्रेट (सीआईएफ) वैल्यू 40,000 डॉलर या इंजन की क्षमता 3000 सीसी (पेट्रोल), 2500 सीसी (डीजल) है।
सीमा शुल्क पहले के 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके साथ ही सेमी नॉक्ड डाउन वाहनों पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 35 प्रतिशत कर दिया गया है, जो 30 प्रतिशत था। सीबीयू और सीआईएफ के रूप में आयातित इलेक्ट्रिक वाहनों पर शुल्क पहले के 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत कर दिया गया है।
बहरहाल एसऐंडपी ग्लोबल मोबिलिटी के डायरेक्टर पुनीत ने कहा कि सामाजिक कल्याण उपकर घटाए जाने के बाद प्रभावी शुल्क वृद्धि 4 प्रतिशत ही है।
गुप्ता ने कहा, ‘लक्जरी कार निर्माताओं पर बहुत असर नहीं होगा, लेकिन शुल्क में अचानक बढ़ोतरी बहुराष्ट्रीय ओईएम के लिए नीति निर्माण के हिसाब से बेहतर नहीं है।’
मर्सिडीज बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ संतोष अय्यर ने कहा कि बुनियादी सीमा शुल्कों में बढ़ोतरी का असर हमारी कुछ चुनिंदा कारों जैसे एस क्लास मैबैच और चुनिंदा सीबीयू जैसे जीएलबी और ईक्यूबी पर पड़ेगा, जो थोड़ी महंगी हो जाएंगी। बहरहाल हम अपने ज्यादातर मॉडलों का स्थानीय स्तर पर विनिर्माण कर रहे हैं, इसलिए हमारे 95 प्रतिशत पोर्टफोलियो पर असर नहीं पड़ेगा।
इसी तरह बीएमडब्ल्यू इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि सीमा शुल्क में बढ़ोतरी का कीमत या मांग पर कोई मूर्त असर नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘हमारे करीब 13 मॉडल अब मेड इन इंडिया हैं। एक दशक पहले की तुलना में स्थिति अब बहुत अलग है, जब ज्यादातर कारें आयात की जाती थीं। कंपनी महंगे मॉडलों पर कीमत में बढ़ोतरी की मात्रा पर काम कर रही है।’
हुंडई मोटर इंडिया ने हाल में ईवी ऑयनिक 5 उतारा था, जिसकी कीमत 40 लाख रुपये से ऊपर है। कंपनी के प्रवक्ता ने बिजनेस स्टैंडर्ड कहा कि ऑयनिक 5 की कीमत में कोई बदलाव नहीं होगा, क्योंकि यह सीबीयू नहीं है और इसके विभिन्न पुर्जे भारत लाए जाते हैं।
किया ईवी6 की कीमत बढ़ सकती है क्योंकि यह सीबीयू है। एक और विश्लेषक ने कहा कि एक या दो दिन में कीमत में बढ़ोतरी की तस्वीर साफ हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अब कंपनियां कीमतों पर काम करेंगी, लेकिन प्रभावी बढ़ोतरी एक अंकों में है, इसलिए इसका मांग पर असर पडऩे की संभावना नहीं है।