पिछले नौ वर्षों में बहुत कम या शायद ही हरे रंग का प्रभुत्व केसरिया पर रहा हो। हालांकि बुधवार को लोक सभा और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण दोनों में प्रमुख कलर थीम हरा था।
सीतारमण खुद लाल और काले रंग की साड़ी पहने थीं जो उत्तर कर्नाटक की विशिष्ट मुहर वाली साड़ी (कसुती कढ़ाई वाली इल्कल साड़ी) थी। इसे विशेष रूप से वित्त मंत्री के लिए दस दिनों में एक स्थानीय बुनकर द्वारा तैयार किया गया था। यह बुनकर समूह एनजीओ ‘आर्टिक्राफ्ट’ का हिस्सा है। लेकिन हरा रंग हर जगह दिखाई पड़ रहा था।
एक तरफ जहां पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी की पगड़ी और मफलर का चमकता हरा रंग दिख रहा था वहीं दूसरी ओर बजट भाषण शुरू होने के बाद शत्रुघ्न सिन्हा हरे रंग वाले कपड़े पहनकर घूमते दिखाई दिए। इनके साथ ही पूरे सदन में कई महिला सांसदों की हरी साडि़यों की छटाएं चारों ओर बिखरती दिखाई दे रही थीं।
वित्त मंत्री ने 60 मिनट के भाषण में 23 बार हरे शब्द का प्रयोग किया, जंगल थीम को मजबूत करते हुए वह एक झाड़ी से दूसरी झाड़ी में चली गईं, जिनकी आवाज कभी एग्रीकल्चर ऐक्सिलेरेटर जैसे शब्द के लिए नहीं लड़खड़ाती थी वह आज लड़खड़ाती हुई दिखी।
इसके अलावा भी वह ‘पल्यूटिंग व्हीकल’ की जगह ‘पॉलिटिकल व्हीकल’ बोल गई, जिसका मतलब यह है कि उन्होंने ‘प्रदूषण वाले वाहनों’ की जगह ‘राजनीतिक वाहनों’ शब्द का प्रयोग कर डाला।
इसके बाद उन्होंने संसद से क्षमायाचना की लेकिन दबी आवाज में, जो कुछ ही लोगों को सुनाई दिया होगा। जैसे कि वह भारत में पैदा होने वाले मोटे अनाजों के विभिन्न नामों का उच्चारण कर रही थी जैसे ज्वार, रागी, बाजरा, कुट्टू, रामदाना, कंगनी, कुटकी, कोदो, चीना और समा, उनकी बेटी वांगमयी जो अपनी मां के बजट भाषण को सुनने आई थी, थोड़ा सा मुस्कराई और फिर जल्दी से चारों ओर देखा कि क्या किसी ने देखा है।
विपक्षी दल के भी सभी नेता लगभग मौजूद थे। सांसदों ने भाषण के दौरान दो मिनट तक भारत जोड़ो का नारा लगाकर थोड़ी देर के लिए हस्तक्षेप किया। जैसे ही सांसद राहुल गांधी ने अपने लैपटॉप पर बजट भाषण पढ़ा, सदन के नेता अधीर रंजन चौधरी ने वित्त मंत्री को यह पूछने के लिए रोका कि वह लगातार 2014 का जिक्र क्यों कर रही हैं जब कांग्रेस की सरकार गिर गई थी, वह क्यों 2009 का जिक्र नहीं कर रही हैं जब कांग्रेस की सरकार दोबारा सत्ता में लौटकर आई थी।