केंद्र सरकार घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना के तहत 50 पर्यटन स्थलों का चयन करने में सतत विकास और सुरक्षा पर जोर देगी। केंद्रीय पर्यटन सचिव अरविंद सिंह ने गुरुवार को कहा, ‘गंतव्य के चयन के लिए मानदंड तैयार कर दिए गए हैं। हम अन्य मंत्रालयों के साथ विस्तार से चर्चा कर रहे हैं और यह शीघ्र तैयार हो जाएंगे।’
राज्य पर्यटन विभागों की मदद से गंतव्य प्रबंधन के संगठनों की स्थापना की गई है। राज्य पर्यटन विभाग इस योजना के लिए परियोजना और कोष का विवरण मुहैया करवा कर इस योजना में हिस्सा लेंगे। केंद्र सरकार इस योजना का पूरी तरह वित्त पोषण करेगी। सिंह ने कहा,’आधारभूत संरचना के विकास, क्षमता निर्माण और संवर्द्धन पर जोर दिया जाएगा।’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को बजट भाषण में 2023-24 में 2400 करोड़ रुपये मुहैया करवाए थे। यह राशि 2022-23 में आबंटित धन राशि के ही बराबर थी।
हालांकि, 50 विकसित की जाने वाली योजनाओं के लिए कोष मुहैया करवाने का विवरण अंतिम रूप से तय नहीं हुआ है और इस बजट में भी खासतौर से आबंटन नहीं किया गया है। गुजरात स्थित स्टैचू ऑफ यूनिटी में गंतव्य प्रबंधन संगठन की स्थापना की गई है। केरल में भी ऐसे गंतव्य प्रबंधन संगठन की स्थापना की गई है। हालांकि अन्य राज्यों को ऐसे संगठन स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
सीतारमण ने अपने संबोधन में कहा था,’हर गंतव्य को एक पूरे पैकेज के रूप में विकसित किया जाएगा। पर्यटन के विकास पर जोर दिया जाएगा जिसमें घरेलू के साथ विदेशी पर्यटकों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।’
उन्होंने कहा कि सीमावर्ती गांवों में भी सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी। राज्यों को जीआई (भौगोलिक संकेतक) और अन्य हस्तकरघा उत्पादों की बिक्री के लिए यूनिटी मॉल स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
कोरोना के पूर्व के स्तर को घरेलू पर्यटन पार कर रहा है। जम्मू-कश्मीर में अब तक के सबसे अधिक पर्यटक पहुंच चुके हैं। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आने वाले घरेलू पर्यटकों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है। वाराणसी में कोविड से पूर्व के स्तर की तुलना में 10 गुना अधिक घरेलू पर्यटक आए हैं।