facebookmetapixel
प्रीमियम स्कूटर बाजार में TVS का बड़ा दांव, Ntorq 150 के लिए ₹100 करोड़ का निवेशGDP से पिछड़ रहा कॉरपोरेट जगत, लगातार 9 तिमाहियों से रेवेन्यू ग्रोथ कमजोरहितधारकों की सहायता के लिए UPI लेनदेन पर संतुलित हो एमडीआरः एमेजॉनAGR बकाया विवाद: वोडाफोन-आइडिया ने नई डिमांड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख कियाअमेरिका का आउटसोर्सिंग पर 25% टैक्स का प्रस्ताव, भारतीय IT कंपनियां और GCC इंडस्ट्री पर बड़ा खतरासिटी बैंक के साउथ एशिया हेड अमोल गुप्ते का दावा, 10 से 12 अरब डॉलर के आएंगे आईपीओNepal GenZ protests: नेपाल में राजनीतिक संकट गहराया, बड़े प्रदर्शन के बीच पीएम ओली ने दिया इस्तीफाGST Reforms: बिना बिके सामान का बदलेगा MRP, सरकार ने 31 दिसंबर 2025 तक की दी मोहलतग्रामीण क्षेत्रों में खरा सोना साबित हो रहा फसलों का अवशेष, बायोमास को-फायरिंग के लिए पॉलिसी जरूरीबाजार के संकेतक: बॉन्ड यील्ड में तेजी, RBI और सरकार के पास उपाय सीमित

राहत पैकेजों की ही कड़ी होगा बजट : मोदी

Last Updated- December 12, 2022 | 9:06 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भरोसा जताया कि वित्त वर्ष 2021-22 के बजट को कोरोना महामारी का असर कम करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा समय-समय पर घोषित मिनी-बजट के हिस्से के तौर पर देखा जाएगा।
बजट सत्र की शुरुआत से पहले मोदी ने कहा, ‘भारत के इतिहास में संभवत: ऐसा पहली बार हुआ है जब हमारी वित्त मंत्री ने 2020 में राहत पैकेज के तौर पर चार से पांच मिनी-बजट पेश किए हैं।’ उन्होंने कहा कि मिनी-बजट की यह शृंखला आगे भी जारी रहेगी। वित्त मंत्री सोमवार को लोकसभा में आम बजट पेश करेंगी।
कोविड महामारी के प्रसार को रोकने के लिए देश भर में लगाए गए लॉकडाउन की वजह से अप्रैल में आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप हो गई थीं। ऐसे में वित्त मंत्री ने मई में पहले पैकेज की घोषणा की थी। इसके बाद दो और राहत पैकेज का ऐलान किया गया। इन पैकेजों में समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को ध्यान में रखा गया और उन्हें मुफ्त भोजन, महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत काम तथा प्रत्यक्ष नकद अंतरण जैसे लाभ दिए गए। इसके साथ ही कृषि और छोटे-मझोले उद्योगों को भी कई तरह की राहत दी गई।
सरकार ने दावा किया कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दी गई राहत सहित कुल 29.87 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया, जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का करीब 15 फीसदी है। इनमें से आरबीआई का योगदान जीडीपी के 6 फीसदी के बराबर और सरकार की ओर से करीब 9 फीसदी के बराबर योगदान दिया गया। हालांकि स्वतंत्र विशेषज्ञों का कहना है कि राहत उपायों पर सरकार की वित्तीय लागत करीब 3 लाख करोड़ रुपये रही है। वित्त मंत्री द्वारा राहत पैकेजों के तहत घोषित उपायों में तीन कृषि कानूनों से संबंधित सुधार भी शामिल थे। किसानों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए 19 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया। मोदी ने सांसदों से कहा कि वे देश के लोगों से जुड़े सभी मसलों पर चर्चा और बहस करें और उम्मीद जताई कि वे लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने में अपना योगदान देने से नहीं हिचकेंगे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की समृद्घि के लिए संसद की कार्यवाही का पूरा उपयोग किया जाना चाहिए।
मोदी ने कहा कि यह इस दशक का पहला सत्र है और यह दशक भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘यह स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को तेजी पूरा करने का सुनहरा अवसर है। इस दशक का भरपूर उपयोग करना चाहिए और पूरे दशक के लिए अर्थपूर्ण नतीजे को ध्यान में रखते हए इस सत्र  में विभिन्न विचारों पर चर्चा की  जानी चाहिए।’

First Published - January 29, 2021 | 11:20 PM IST

संबंधित पोस्ट